
उत्तराखंड डेस्क
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में 27 जुलाई को सुबह एक दुखद हादसा हुआ, जिसमें भगदड़ के कारण 6 लोगों की मौत हो गई और 35 से अधिक लोग घायल हो गए। यह घटना मंदिर के सीढ़ी वाले रास्ते पर हुई, जहां भारी भीड़ जमा थी। हादसा रविवार सुबह करीब 9 बजे मंदिर के पैदल मार्ग पर, विशेष रूप से सीढ़ियों के पास हुआ। मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार का एक प्रमुख सिद्धपीठ है, जहां सावन के महीने और रविवार होने के कारण श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, भगदड़ का मुख्य कारण बिजली का करंट लगने या हाई-वोल्टेज तार गिरने की अफवाह थी। इस अफवाह से श्रद्धालु घबरा गए और धक्का-मुक्की के बीच लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। हालांकि, गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे और अन्य अधिकारियों ने करंट लगने की बात को खारिज किया है, और कहा कि यह अफवाह थी। हरिद्वार के डीएम मयूर दीक्षित ने भी जांच में करंट का कोई सबूत न मिलने की बात कही।
मंदिर का रास्ता संकरा और ऊंची चढ़ाई
सावन का महीना होने और कांवड़ यात्रा के बाद रास्ते खुलने से मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या अचानक बढ़ गई थी। रविवार होने के कारण उत्तर प्रदेश, दिल्ली और अन्य पड़ोसी राज्यों से भी भक्त दर्शन के लिए पहुंचे थे। मंदिर का रास्ता संकरा और ऊंची चढ़ाई वाला होने से स्थिति और बिगड़ गई। भगदड़ में 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई, जबकि 35 लोग घायल हुए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कुछ घायलों की हालत गंभीर बताई गई, जिसके कारण मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई गई। घायलों को तुरंत हरिद्वार के जिला अस्पताल और अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, और अन्य बचाव दल मौके पर पहुंचे। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया और राहत कार्य युद्धस्तर पर शुरू किए गए। हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया कि भगदड़ की वजह की जांच की जा रही है, और अफवाह फैलाने वालों की तलाश जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं और मृतकों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।
सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर दुख जताते हुए कहा कि “वे स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने माता रानी से सभी श्रद्धालुओं के सकुशल होने की प्रार्थना की।”
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
एक घायल श्रद्धालु ने बताया कि मंदिर के पास 20-25 सीढ़ियों पर भीड़ बेकाबू हो गई, जिससे लोग गिरने लगे। एक अन्य ने कहा कि अचानक भीड़ बढ़ने से धक्का-मुक्की शुरू हुई और भगदड़ मच गई। मंदिर परिसर में अव्यवस्थित प्रवेश-निकास और संकरे रास्ते ने स्थिति को और खराब किया।
मनसा देवी मंदिर हरिद्वार के तीन प्रमुख सिद्धपीठों में से एक है, जो मां मनसा देवी को समर्पित है। यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है और श्रद्धालु पैदल या रोपवे से वहां पहुंचते हैं। सावन के महीने में शिव भक्तों और कांवड़ियों की भीड़ यहां खास तौर पर बढ़ जाती है।
प्रशासन पर सवाल
हादसे के बाद मंदिर में सुरक्षा इंतजामों और प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं। संकरे रास्ते और भीड़ प्रबंधन की कमी को हादसे का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।
यह हादसा एक अफवाह और भीड़ प्रबंधन की कमी का परिणाम था। प्रशासन ने राहत कार्य तेजी से शुरू किए, लेकिन हादसे ने मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण की आवश्यकता को उजागर किया है। मामले की विस्तृत जांच जारी है, और अफवाह के स्रोत का पता लगाने के लिए पुलिस सक्रिय है।