
उत्तराखंड डेस्क
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। यह घटना गंगोत्री धाम और मुखवा के नजदीक खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हुई, जिसके कारण नदी में अचानक तेज जलप्रवाह और मलबे का सैलाब आया। इस आपदा ने धराली बाजार और आसपास के क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया, जिसमें 20 से 25 होटल, होमस्टे, और दुकानें पूरी तरह तबाह हो गए। कई घर भी मलबे की चपेट में आकर नष्ट हो गए।
कब- कहां हुई घटना ?
बादल फटने की घटना 5 अगस्त को दोपहर करीब 1:30 बजे धराली गांव में हुई। यह क्षेत्र चारधाम यात्रा के प्रमुख पड़ावों में से एक है और गंगोत्री धाम के करीब स्थित है।

खीर गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ और मलबे के कारण धराली बाजार में भारी तबाही हुई। 20 से 25 होटल, होमस्टे, और दुकानें ध्वस्त हो गईं। प्राचीन कल्प केदार मंदिर के मलबे में दबने की भी सूचना है। स्थानीय लोगों के अनुसार, 10 से 12 मजदूर मलबे में दबे हो सकते हैं, हालांकि जान-माल के नुकसान की पुख्ता जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
राहत और बचाव कार्य जारी
जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस, और सेना की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं। हर्षिल से टीमें घटनास्थल पर पहुंची हैं, और भटवाड़ी से एसडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें रवाना की गई हैं। मलबा हटाने के लिए मशीनें मंगाई गई हैं, लेकिन लगातार बारिश और खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में चुनौतियां आ रही हैं।
प्रशासन और सरकार का रुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि “राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं।”
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसांई ने हादसे की पुष्टि की और बताया कि स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिसके चलते प्रशासन ने लोगों को नदियों और नालों के किनारे से दूर रहने की सलाह दी है।
इस घटना के भयावह दृश्यों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें मलबे और पानी का सैलाब गांव में घुसता दिखाई दे रहा है। स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है, और कई लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं।
कई सड़कें और राष्ट्रीय राजमार्ग भी अवरुद्ध
उत्तराखंड में बादल फटने की घटनाएं मानसून के दौरान आम हैं, खासकर हिमालयी क्षेत्रों में। इससे पहले भी उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, और चमोली जैसे जिलों में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें भारी नुकसान हुआ है। इस बार की घटना ने धराली जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल को प्रभावित किया है, जो चारधाम यात्रा का हिस्सा है। लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण कई सड़कें और राष्ट्रीय राजमार्ग भी अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे राहत कार्यों में और जटिलता बढ़ रही है।
यह आपदा उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती आवृत्ति और गंभीरता को दर्शाती है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और बचाव कार्यों के बावजूद खराब मौसम और भौगोलिक चुनौतियां स्थिति को और जटिल बना रही हैं। लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की जा रही है।