
बिहार की राजनीति में हाल ही में NDA की भारी जीत के बाद नई सरकार का गठन हो गया है, लेकिन गृह (होम) विभाग के बंटवारे को लेकर जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा के बीच तनाव की खबरें सुर्खियां बनी हुई हैं। 20 नवंबर 2025 को नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, लेकिन पोर्टफोलियो एलोकेशन पर अभी भी अनिश्चितता बरकरार है। क्या नीतीश ‘गृह’ विभाग भाजपा को सौंप देंगे ?
NDA की जीत और कैबिनेट गठन
2025 बिहार विधानसभा चुनाव में NDA ने 243 सीटों में से 202 सीटें जीतीं। भाजपा को 89, JD(U) को 85, LJP(RV) को 19, HAM को 5 और RLM को 4 सीटें मिलीं। विपक्षी महागठबंधन (RJD-कांग्रेस आदि) को महज 35 सीटें।
20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में भव्य समारोह में नीतीश कुमार ने CM पद की शपथ ली। उनके साथ 26 मंत्रियों ने शपथ ली, जिनमें 14 भाजपा से, 8 JD(U) से, 2 LJP(RV) से, 1 HAM से और 1 RLM से। डिप्टी CM के रूप में सम्राट चौधरी (भाजपा) और विजय कुमार सिन्हा (भाजपा) भी शपथ ले चुके हैं। समारोह में PM नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, BJP अध्यक्ष JP नड्डा समेत NDA के कई दिग्गज मौजूद थे।
मंत्रिमंडल विस्तार में कौन- कौन ?
कुल 27 मंत्रियों (CM सहित) का कैबिनेट है, जिसमें 13 नए चेहरे शामिल हैं। JD(U) के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी, श्रवण कुमार, लेशी सिंह, अशोक चौधरी, सुनील कुमार आदि को जगह मिली। भाजपा से मंगल पांडेय, दिलीप जायसवाल, नीतीन नवीन, राम कृपाल यादव आदि। लेकिन पोर्टफोलियो (विभागों का बंटवारा) अभी घोषित नहीं हुआ है।
भाजपा की मांग और नीतीश का रुख
भाजपा, जो अब NDA की सबसे बड़ी पार्टी है (89 सीटें), गृह विभाग (पुलिस, कानून-व्यवस्था) की मांग कर रही है। पिछली सरकार में नीतीश ने खुद यह विभाग संभाला था। चुनावी सफलता के बाद भाजपा को लगता है कि उन्हें अधिक प्रमुख विभाग मिलने चाहिए। स्रोतों के अनुसार, कैबिनेट बंटवारे पर ‘लास्ट मिनट रोडब्लॉक’ इसी मुद्दे पर आया। भाजपा स्पीकर पद के साथ-साथ गृह विभाग भी चाहती है।
नीतीश का अडिग रुख
JD(U) के सूत्रों का कहना है कि नीतीश गृह विभाग छोड़ने को तैयार नहीं। वे इसे ‘नॉन-नेगोशिएबल’ मानते हैं। बदले में JD(U) ने विधानसभा स्पीकर पद की मांग की, जो फिलहाल भाजपा को मिलने की संभावना है। JD(U) नेता ललन सिंह और संजय झा ने भाजपा हाईकमान से मुलाकात कर विवाद सुलझाने की कोशिश की। एक पोस्ट में कहा गया, “नीतीश कुमार किसी जिंदगी में गृह मंत्रालय BJP को नहीं देंगे।” एक अन्य विश्लेषण में उल्लेख है कि गृह और शिक्षा विभाग भाजपा को मिल सकते हैं, लेकिन यह अभी पुष्ट नहीं।
2020 NDA सरकार में भी नीतीश ने गृह विभाग खुद रखा था। भाजपा को तब 15 मंत्री पद मिले थे, JD(U) को 12। अब भाजपा अधिक सीटों के दम पर दबाव बना रही है, लेकिन नीतीश की मजबूत पकड़ (85 सीटें) उन्हें मजबूत बनाती है।
क्या होगा अगला कदम ? पोर्ट फोलियो घोषणा
जल्द ही विभागों का बंटवारा होगा। अनुमान है कि नीतीश गृह रख लेंगे, जबकि भाजपा को वित्त, ग्रामीण विकास या शिक्षा जैसे विभाग मिल सकते हैं। स्पीकर पद भाजपा को देने से विवाद शांत हो सकता है। यह कलह NDA की एकता पर सवाल उठाती है, लेकिन दोनों पार्टियां विपक्ष (RJD) को मजबूत न करने के लिए समझौता करेंगी। तेजस्वी यादव ने शपथ पर बधाई दी, लेकिन NDA से ‘लोगों की आकांक्षाओं’ पूरी करने की उम्मीद जताई।
कलह सुलझेगी, लेकिन तनाव बरकरार
फिलहाल, नीतीश गृह विभाग छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहे। भाजपा की मांग वैध है, लेकिन नीतीश की ‘मुख्य पात्र’ वाली भूमिका (जैसा कि चुनाव परिणामों से साबित) उन्हें ऊपरी हाथ देती है। पूरी रिपोर्ट से साफ है कि यह गठबंधन की सामान्य ‘फैमिली फाइट’ है, जो जल्द सुलझ जाएगी। NDA सरकार विकास के वादों (जैसे 1 करोड़ ‘लखपति दीदी’, मेगा स्किल सेंटर) पर फोकस करेगी। अधिक अपडेट के लिए आधिकारिक घोषणा का इंतजार।