
स्पोर्ट्स डेस्क
शुभमन गिल ने तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी 2025 में अपनी कप्तानी और बल्लेबाजी से क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया। टेस्ट क्रिकेट में 35.05 के औसत के साथ कप्तानी संभालने पर उनके प्रदर्शन पर सवाल उठे थे, लेकिन इस सीरीज ने उन्हें एक नए नायक के रूप में स्थापित किया। आइए, उनके प्रदर्शन और इस सीरीज की पूरी रिपोर्ट पर नजर डालें।
कप्तानी और प्रदर्शन का सफर
रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गजों के संन्यास के बाद गिल को इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम की कमान सौंपी गई। उनके टेस्ट करियर का औसत 35.05 (32 मैचों में 1893 रन, 5 शतक) होने के कारण कई विशेषज्ञों ने उनकी कप्तानी पर संदेह जताया था।
भारत ने 5 मैचों की तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी को 2-2 से ड्रॉ कराया। ओवल टेस्ट में 6 रनों की रोमांचक जीत ने भारत को सीरीज हारने से बचाया और गिल की कप्तानी को साख दी।
बल्लेबाजी में रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन
754 रन: गिल ने सीरीज में 10 पारियों में 754 रन बनाए, जिसमें 2 शतक, 2 अर्धशतक और एक दोहरा शतक (269 रन) शामिल रहा। यह किसी भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन का रिकॉर्ड है, जिसने ग्राहम गूच (752 रन, 1990) को पीछे छोड़ा। गिल ने सीरीज में 4 शतक लगाए, जो एक टेस्ट सीरीज में किसी कप्तान द्वारा संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा है। उन्होंने डॉन ब्रैडमैन और सुनील गावस्कर की बराबरी की।
गिल ने एजबेस्टन में दोनों पारियों में शतक (269 और 161) बनाए, जिसने भारत को जीत दिलाई। एक टेस्ट में 430 रन बनाने का उनका रिकॉर्ड टेस्ट इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है। गिल विदेशी धरती पर एक टेस्ट सीरीज में 700+ रन बनाने वाले पहले भारतीय कप्तान बने और इंग्लैंड में ऐसा करने वाले पहले एशियाई खिलाड़ी।
कप्तानी का दम रणनीतिक कौशल
गिल ने रिव्यू लेने, फील्डिंग सजाने और आक्रामक कप्तानी में साहस दिखाया। ओवल टेस्ट में उन्होंने कठिन परिस्थितियों में गेंदबाजों के साथ लगातार संवाद बनाए रखा और इंग्लिश बल्लेबाजों पर दबाव बनाया। गिल ने युवा भारतीय टीम में “हार न मानने” की सोच भरी। उनकी कप्तानी में भारत ने 3809 रन बनाए, जो किसी भी टीम द्वारा 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में सबसे ज्यादा है।
गिल ने सीरीज के सभी 5 टॉस हारे, जो एक दुर्लभ रिकॉर्ड है। फिर भी, उन्होंने दबाव में शानदार प्रदर्शन किया। भारत ने ओवल टेस्ट में इंग्लैंड को 374 रनों का लक्ष्य दिया और मोहम्मद सिराज (5 विकेट) की शानदार गेंदबाजी से 6 रनों से जीत हासिल की। यह टेस्ट क्रिकेट में भारत की सबसे कम मार्जिन की जीत थी।
अन्य खिलाड़ियों का योगदान
मोहम्मद सिराज: सीरीज में सबसे ज्यादा 23 विकेट लिए और ओवल में मैन ऑफ द मैच बने।
ऋषभ पंत: 4 टेस्ट में 479 रन (2 शतक, 3 अर्धशतक) बनाए।
रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर: मैनचेस्टर टेस्ट में अहम साझेदारी कर मैच ड्रॉ कराया।
6 रिकॉर्ड टूटे सीरीज में 16 शतक बने, जो भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा है। भारत ने एक सीरीज में सबसे ज्यादा रन (3809) का रिकॉर्ड भी बनाया। पहले टेस्ट में भारत 371 रनों का लक्ष्य नहीं बचा सका, जिससे गिल की फील्डिंग रणनीति पर सवाल उठे। इंग्लैंड ने चौथे टेस्ट में 544 रन बनाए, जो 10 साल में भारत द्वारा विदेशी धरती पर दी गई सबसे बड़ी पारी थी। सुनील गावस्कर ने गिल की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए, खासकर कुलदीप यादव को न खिलाने पर।
सोशल मीडिया और प्रशंसा
गिल की कप्तानी और बल्लेबाजी को सोशल मीडिया पर खूब सराहा गया। एक यूजर ने लिखा, “गिल ने साबित किया कि कैसे इंग्लैंड में चार शतक लगाए जाते हैं।” सीरीज में उनके 722 रन (4 टेस्ट तक) और 101.2 के औसत को प्रशंसकों ने “कप्तान का दबदबा” बताया। गावस्कर ने गिल को साइन की हुई टोपी और शर्ट भेंट की, हालांकि गिल उनके 774 रनों के रिकॉर्ड से 20 रन पीछे रह गए।
शुभमन गिल ने तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी में न केवल अपने आलोचकों को जवाब दिया, बल्कि ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाकर भारतीय क्रिकेट के नए युग की शुरुआत की। उनकी कप्तानी में युवा भारतीय टीम ने विदेशी धरती पर जुझारूपन दिखाया और कई रिकॉर्ड तोड़े। गिल का यह प्रदर्शन उन्हें भविष्य का सितारा बनाता है, जो भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।