
अनिल गुप्ता
स्पेशल डेस्क (नई दिल्ली)
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा संचालित दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में “छात्रसंघ पदाधिकारी सम्मान समारोह” का सफल आयोजन किया। यह आयोजन छात्रसंघ कार्यकाल की समाप्ति पर उन पदाधिकारियों के योगदान को मान्यता देने हेतु आयोजित किया गया, जिन्होंने वर्षभर छात्रहित में सक्रिय भूमिका निभाई।
इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों से आए छात्रसंघ पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया और आगामी समय में भी छात्रहित के लिए निरंतर कार्य करने के संकल्प की पुनः पुष्टि की गई।

समारोह में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान मुख्य वक्ता के रूप में और राष्ट्रीय मंत्री सुश्री शिवांगी खरवाल, दिल्ली प्रदेश मंत्री सार्थक शर्मा, छात्रसंघ के उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह एवं सचिव मित्रविंदा कर्नवाल विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्य अतिथि विजेंद्र गुप्ता का संबोधन
गुप्ता ने अपने वक्तव्य में कहा, “विद्यार्थी परिषद केवल एक छात्र संगठन नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण की पाठशाला है। मैं स्वयं इसी संस्था से जुड़कर सामाजिक जीवन में आगे बढ़ा हूं। देश की दिशा और दशा निर्धारण में युवाओं की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। मुझे गर्व है कि आप सभी छात्रहित में निरंतर सक्रिय हैं और मेरी शुभकामनाएं हैं कि यह प्रयास भविष्य में भी जारी रहे।”
मुख्य वक्ता आशीष चौहान के विचार
चौहान ने कहा, “एक ओर विश्वविद्यालय में दीक्षारंभ समारोह आयोजित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर हम छात्रसंघ पदाधिकारियों की कड़ी मेहनत और संघर्ष को सम्मानित कर रहे हैं। यह अभाविप की सांगठनिक प्रतिबद्धता और सक्रियता का प्रमाण है कि हमारे कार्यकर्ता केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं, बल्कि हर परिस्थिति में धरातल पर उपस्थित रहते हैं। चाहे छात्रहित का मामला हो या राष्ट्रहित का—विद्यार्थी परिषद सदा अग्रिम पंक्ति में खड़ी रहती है।”

छात्रसंघ पदाधिकारियों के अनुभव और संकल्प
छात्रसंघ के उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा, “पिछले एक वर्ष में हमने प्रवेश, परीक्षा, पाठ्यक्रम, परिसर की सुविधाओं और परिणाम संबंधी तमाम मुद्दों पर संघर्ष करते हुए छात्रों के साथ मजबूती से खड़े रहे। हमने ‘रील एक्टिविज़्म’ की बजाय ‘रियल एक्टिविज़्म’ को अपनाया और समस्याओं के समाधान के लिए लगातार धरातल पर कार्य किया।”
वहीं छात्रसंघ की सचिव मित्रविंदा कर्नवाल ने कहा, “देश के किसी भी शिक्षण संस्थान में छात्रहित प्रभावित होता है, तो विद्यार्थी परिषद उसका प्रतिरोध करने में सबसे पहले खड़ी होती है। हमने हाल ही में 16 दिनों तक लगातार धरना देकर विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों की समस्याएं हल करने के लिए बाध्य किया। यह हमारी प्रतिबद्धता और छात्र शक्ति का प्रतीक है। आगामी छात्रसंघ चुनाव में हम हर सीट पर विजय प्राप्त कर छात्रों के विश्वास को और मजबूत करेंगे।”

इस सम्मान समारोह के माध्यम से अभाविप-नीत छात्रसंघ ने यह संदेश दिया कि छात्र हितों की रक्षा और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका को सर्वोपरि मानते हुए, संगठन भविष्य में भी समर्पण भाव से कार्य करता रहेगा।