
स्पेशल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रोहिणी में लगभग 11,000 करोड़ रुपये की लागत वाली दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं, अर्बन एक्सटेंशन रोड-II (UER-II) और द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली खंड का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं का उद्देश्य दिल्ली-NCR में ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करना, कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना और यात्रा समय को काफी हद तक घटाना है। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित कई प्रमुख नेता मौजूद रहे। इस अवसर पर पीएम मोदी ने एक रोड शो भी किया।
अर्बन एक्सटेंशन रोड-II (UER-II)लंबाई और लागत
UER-II एक 75.71 किलोमीटर लंबा राजमार्ग है, जिसमें 54.21 किमी दिल्ली में और 21.50 किमी हरियाणा में है। इसे 6,445 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। यह सड़क दिल्ली के अलीपुर से शुरू होकर मुंडका, बक्करवाला, नजफगढ़, द्वारका होते हुए महिपालपुर (IGI एयरपोर्ट के पास) तक जाती है। यह दिल्ली की तीसरी रिंग रोड के रूप में डिज़ाइन की गई है।
क्या हैं इसकी विशेषताएं ?
6-8 लेन का राजमार्ग, जिसमें कई एलिवेटेड सेक्शन, चार बड़े इंटरचेंज, और अंडरपास शामिल हैं। दिल्ली के लैंडफिल साइट्स से प्राप्त 10 लाख मीट्रिक टन निष्क्रिय कचरे का उपयोग निर्माण में किया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिला।
यह सड़क दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जुड़ेगी, जिससे हरियाणा और राजस्थान से देहरादून की यात्रा आसान होगी। सिंघु बॉर्डर से द्वारका एक्सप्रेसवे तक का सफर, जो पहले ढाई घंटे लेता था, अब 40 मिनट में पूरा होगा।

दिल्ली में रोज़ाना प्रवेश करने वाले 3 लाख वाहनों को शहर के भीतर आने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे ट्रैफिक जाम कम होगा। यह सड़क NH-44, NH-9, मुकरबा चौक, धौला कुआं और अन्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों पर ट्रैफिक का दबाव कम करेगी। चंडीगढ़, पंजाब, जम्मू-कश्मीर जैसे क्षेत्रों के लिए तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। भविष्य में यह दिल्ली-मेरठ, नोएडा-ग्रेटर नोएडा, DND-फरीदाबाद, और यमुना एक्सप्रेसवे जैसे प्रमुख कॉरिडोर से जुड़ेगी।
द्वारका एक्सप्रेसवे (दिल्ली सेक्शन) लंबाई और लागत
दिल्ली खंड 10.1 किलोमीटर लंबा है, जिसे 5,360 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। कुल एक्सप्रेसवे 29 किमी लंबा है, जिसमें हरियाणा का 18.9 किमी हिस्सा मार्च 2024 में उद्घाटित हो चुका है। यह शिव मूर्ति चौक (महिपालपुर) से शुरू होकर द्वारका सेक्टर-21 और दिल्ली-हरियाणा सीमा तक जाता है। इसमें 5.1 किमी लंबी सुरंग शामिल है, जो सीधे IGI एयरपोर्ट से जोड़ती है।
इसकी विशेषताएं
देश का पहला 8-लेन अर्बन एलिवेटेड एक्सप्रेसवे। यह यशोभूमि, दिल्ली मेट्रो की ब्लू और ऑरेंज लाइन, बिजवासन रेलवे स्टेशन, और द्वारका क्लस्टर बस डिपो को मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
इसमें दो पैकेज शामिल हैं
पैकेज I: शिव मूर्ति से द्वारका सेक्टर-21 तक 5.9 किमी।
पैकेज II: द्वारका सेक्टर-21 से दिल्ली-हरियाणा सीमा तक 4.2 किमी, जो UER-II से जुड़ता है।
क्या होंगे इसके लाभ !
गुरुग्राम से IGI एयरपोर्ट का सफर अब 20 मिनट में पूरा होगा, जो पहले 1 घंटे से अधिक लेता था। नोएडा से IGI एयरपोर्ट का सफर भी 20 मिनट में संभव होगा। धौला कुआं और रिंग रोड पर ट्रैफिक का 50% दबाव कम होगा। बवाना, नरेला, मुंडका, रोहिणी, समयपुर बादली, कंझावला, और किराड़ी जैसे क्षेत्रों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी। माल ढुलाई और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी।

प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण
UER-II के निर्माण में गाजीपुर लैंडफिल से 20 लाख टन कचरे का पुन: उपयोग किया गया, जिससे लैंडफिल की ऊंचाई 7 मीटर कम हुई। यह टिकाऊ बुनियादी ढांचे के लिए एक बड़ा कदम है। मिट्टी, गाद, पत्थर, और निर्माण मलबे जैसी निष्क्रिय सामग्रियों का उपयोग तटबंधों, सबग्रेड लेयरिंग, और सर्विस रोड के लिए किया गया, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हुआ और कार्बन उत्सर्जन कम हुआ।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इन परियोजनाओं को “दिल्ली के भविष्य में निवेश” बताया। इनसे न केवल ट्रैफिक जाम कम होगा, बल्कि वाहन प्रदूषण में कमी और औद्योगिक कनेक्टिविटी में सुधार होगा। ये परियोजनाएं दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, केएमपी एक्सप्रेसवे, और गुरुग्राम-सोहना राजमार्ग से जुड़ेंगी, जिससे चंडीगढ़, जयपुर, और मुंबई जैसे शहरों तक यात्रा तेज होगी। प्रॉपर्टी की कीमतों में 40% तक की वृद्धि की संभावना है, खासकर बवाना, नरेला, और द्वारका जैसे क्षेत्रों में।
क्या बोले पीएम मोदी ?
पीएम मोदी ने कहा कि “ये परियोजनाएं “जीवन की सुगमता” को बढ़ाएंगी और दिल्ली-NCR के विकास को नई गति देंगी। उन्होंने इसे विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण का हिस्सा बताया, जो निर्बाध गतिशीलता सुनिश्चित करता है।”
UER-II और द्वारका एक्सप्रेसवे के उद्घाटन से दिल्ली-NCR में ट्रैफिक प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। ये परियोजनाएं न केवल यात्रा समय को कम करेंगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, आर्थिक विकास, और बेहतर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगी। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि क्या ये सड़कें स्थायी राहत प्रदान करेंगी या ट्रैफिक की समस्या को अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित करेंगी।
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