
सरल डेस्क
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने 24 अगस्त को राहुल गांधी और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें उन्होंने दावा किया कि “राहुल गांधी “खतरनाक रास्ते” पर हैं और जॉर्ज सोरोस तथा खालिस्तानी ताकतों के साथ मिलकर भारत सरकार को अस्थिर करने और देश को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं।
यह बयान समाचार एजेंसी ANI और पत्रकार स्मिता प्रकाश के पॉडकास्ट में दिए गए साक्षात्कारों में सामने आया। रिजिजू ने कहा कि “जॉर्ज सोरोस ने भारत सरकार को अस्थिर करने के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर रखे हैं, और कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन में बैठी भारत-विरोधी खालिस्तानी ताकतें और वामपंथी संगठन इस साजिश में शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि “राहुल गांधी और कांग्रेस इन ताकतों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जो देश के लिए चिंताजनक है।”
न्यायपालिका और चुनाव आयोग पर हमला
रिजिजू ने यह भी कहा कि “जब कांग्रेस चुनाव हारती है, तो वह भारत-विरोधी ताकतों के साथ मिलकर सरकार और संवैधानिक संस्थाओं, जैसे न्यायपालिका और चुनाव आयोग, पर हमला करती है ताकि जनता का इन संस्थाओं से विश्वास उठ जाए। उन्होंने राहुल गांधी के बयानों, जैसे प्रधानमंत्री को “चोर” कहना, राफेल सौदे पर टिप्पणी, और चीन द्वारा भारतीय जमीन पर कब्जे का दावा, को गैर-जिम्मेदाराना बताया, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें फटकार लगाई थी।
संसद में विपक्ष के व्यवहार की आलोचना
इसके अतिरिक्त, रिजिजू ने संसद में विपक्ष के व्यवहार की आलोचना की, खासकर संसद सत्र को बाधित करने के लिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को संसदीय चर्चा में रुचि नहीं है, और अगर संसद नहीं चलती, तो नुकसान विपक्ष का है, क्योंकि सरकार राष्ट्रीय हित में विधेयक पारित करेगी। उन्होंने एक विधेयक का जिक्र किया, जिसमें गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों, और मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान है, और कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं को इस कानून से छूट देने से इनकार कर दिया, जो उनकी नैतिकता को दर्शाता है।”
कांग्रेस ने इन आरोपों का पलटवार किया। पार्टी के नेता बीके हरिप्रसाद ने रिजिजू पर निशाना साधते हुए कहा कि “वह कांग्रेस छोड़कर BJP में “मलाई खाने” गए हैं और उन्हें चीन द्वारा अरुणाचल में गांव बनाने जैसे मुद्दों पर जवाब देना चाहिए।”