
सरल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर भारत में भारी मानसून वर्षा से प्रभावित हिमाचल प्रदेश और पंजाब का हवाई सर्वेक्षण किया। यह दौरा बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाओं से हुए व्यापक नुकसान का जायजा लेने और राहत कार्यों की समीक्षा करने के उद्देश्य से किया गया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “सरकार इस दुखद घड़ी में प्रभावित लोगों के कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।” उन्होंने प्रभावित लोगों से बातचीत की और केंद्र सरकार की ओर से सहायता का ऐलान किया।
दौरा कार्यक्रम का विवरण
पीएम मोदी का यह एक दिवसीय दौरा दोपहर करीब 12 बजे दिल्ली से शुरू हुआ। मुख्य बिंदु इस प्रकार थे:हिमाचल प्रदेश में हवाई सर्वेक्षण: पीएम ने पठानकोट एयरबेस पर उतरने के बाद कांगड़ा जिले के आसपास के बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा किया। विशेष रूप से मंडी, कुल्लू और चंबा जिलों पर फोकस रहा, जहां भारी नुकसान हुआ है। यह सर्वेक्षण लगभग 1:30 बजे कांगड़ा एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद किया गया।
कांगड़ा में बैठकें और बातचीत
हवाई सर्वेक्षण के बाद पीएम कांगड़ा पहुंचे, जहां उन्होंने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर और अन्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने 21 प्रभावित परिवारों से मुलाकात की, जिसमें 11 महीने की बच्ची नीतिका भी शामिल थीं, जिन्होंने जून में मंडी जिले के तलवाड़ा गांव में हुई बाढ़ में चमत्कारिक रूप से अपनी जान बचाई थी (उनके माता-पिता और दादी की मौत हो गई थी)। इसके अलावा, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा मित्र टीम के सदस्यों से भी बात की।
पंजाब में हवाई सर्वेक्षण
हिमाचल दौरे के बाद पीएम ने लगभग 3 बजे पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। फोकस गुरदासपुर, अमृतसर और सीमावर्ती जिलों पर रहा, जहां सूटलज, ब्यास, रावी और घग्गर नदियां खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं। इसके बाद गुरदासपुर के तिबरी आर्मी कैंटोनमेंट में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और प्रभावित लोगों से मुलाकात की।
बाढ़ का प्रभाव और नुकसान
इस मानसून सीजन (20 जून से 8 सितंबर तक) में हिमाचल प्रदेश और पंजाब में भारी तबाही हुई है। मुख्य कारण ऊपरी क्षेत्रों (हिमाचल और जम्मू-कश्मीर) में भारी वर्षा से नदियां उफान पर आना। हिमाचल प्रदेश: 355 से 370 मौतें (राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार)। नुकसान का अनुमान 4,000-4,122 करोड़ रुपये। बादल फटना, भूस्खलन और बाढ़ से सड़कें, पुल, घर और बुनियादी ढांचा नष्ट। कुल्लू में मनाली-चंडीगढ़ हाईवे पर दोहलू नाला टोल प्लाजा बह गया।
पंजाब में 48 से 51 मौतें। 1.75 लाख एकड़ से अधिक कृषि भूमि प्रभावित। नदियों के उफान से हजारों लोग विस्थापित, बड़े पैमाने पर राहत कार्य चल रहे। राज्य सरकार ने नुकसान 13,289 करोड़ रुपये आंका।
पीएम ने सहायता का किया ऐलान
पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्र सरकार की ओर से तत्काल राहत पैकेज की घोषणा की 1,500 करोड़ रुपये की सहायता राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के लिए अग्रिम राशि जारी। पीएम किसान सम्मान निधि की दूसरी किस्त का अग्रिम किसानों को अतिरिक्त मदद।
पीएम ने कहा कि “केंद्र पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि हर प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचे। पंजाब के लिए अलग से राहत पैकेज की उम्मीद है, हालांकि दौरा समाप्त होने के समय तक विशिष्ट आंकड़े घोषित नहीं हुए थे। पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य को वर्षों लगेंगे ठीक होने में, लेकिन पीएम का दौरा सकारात्मक कदम है।
आगे की राहत और पुनर्वास
दौरे के दौरान पीएम ने राहत और पुनर्वास प्रयासों पर जोर दिया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें सक्रिय हैं। हिमाचल में सड़कें बहाल करने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली-पानी आपूर्ति पर फोकस। पंजाब में नदी तटबंध मजबूत करने और किसानों को मुआवजा देने की योजना। मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और पंजाब के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, इसलिए बचाव कार्य जारी रहेंगे।