
हिन्दी हमारी संस्कृति, अस्मिता और एकता की प्रतीक – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
प्रकाश मेहरा
देहरादून ब्यूरो
देहरादून:- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने हिन्दी को केवल एक भाषा नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा, संस्कृति की पहचान, और एकता की आधारशिला बताया।
हिन्दी – संस्कृति, सभ्यता और एकता की संवाहक
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी हमारी सांस्कृतिक भावनाओं, आकांक्षाओं और आदर्शों का प्रतीक है। यह भाषा हमारी सभ्यता और परंपराओं से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। हिन्दी ने हमारे समाज को जोड़ा है और भारतीयता को समृद्ध किया है। “हिन्दी सहजता, सरलता और सामर्थ्य से परिपूर्ण भाषा है, जिसमें समन्वय की अद्भुत क्षमता है।” — मुख्यमंत्री
वैश्विक मंच पर हिन्दी की पहचान
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने ‘मन की बात’ जैसे कार्यक्रमों में हिन्दी का प्रयोग कर इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है। आज विश्व के कई देशों में हिन्दी का अध्ययन किया जा रहा है।
स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक हिन्दी की भूमिका
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हिन्दी संघर्ष की भाषा बनी और देशवासियों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज भी हिन्दी सामाजिक चेतना का एक सशक्त माध्यम बनी हुई है।
राज्य सरकार के प्रयास और संकल्प
मुख्यमंत्री ने बताया कि “राज्य सरकार द्वारा हिन्दी के उत्थान के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा “हमारी वैचारिक निष्ठा हिन्दी के प्रति रही है। हिन्दी के गौरव को बनाए रखना हम सभी का दायित्व है।”
हिन्दी दिवस का संकल्प
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि “वे राजभाषा हिन्दी के गौरव और सम्मान के लिए सहयोगी बनें। उन्होंने हिन्दी दिवस के अवसर पर दैनिक जीवन में हिन्दी के अधिकतम प्रयोग का संकल्प लेने की भी बात कही।
हिन्दी केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी अस्मिता, संस्कृति और राष्ट्र की चेतना है। इसे सम्मान देना और इसका विस्तार करना हर नागरिक का उत्तरदायित्व है।