
अनिल गुप्ता
नई दिल्ली।
पूरे विश्व में शांति, कल्याण एवं सौहार्द की स्थापना के उद्देश्य से इस्कॉन कीर्तन मिनिस्ट्री 17 से 23 सितंबर तक विश्व के विभिन्न देशों में ‘वर्ल्ड होलिनेम फेस्टिवल 2025’ (विश्व हरिनाम उत्सव) का आयोजन कर रही है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, रूस, चीन, भारत के पड़ोसी देशों सहित विभिन्न राज्यों में भगवान के पवित्र नाम “हरे कृष्ण महामंत्र” का उत्सव मनाया जा रहा है।
इसी श्रृंखला में इस्कॉन द्वारका भी ‘वर्ल्ड होलिनेम वीक’ (विश्व हरिनाम उत्सव) मना रहा है। इसके तहत 21 सितंबर (रविवार) को जनकपुरी में ‘मेगा हरिनाम संकीर्तन’ का आयोजन किया जाएगा। यह संकीर्तन शाम 4:30 बजे माता चानन देवी अस्पताल के निकट, बंधन बैंक (A-3 ब्लॉक, जनकपुरी) से प्रारंभ होकर श्री हरि मंदिर (A-1 ब्लॉक, जनकपुरी) पर रात 8:30 बजे संपन्न होगा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
दिल्ली सरकार के गृह मंत्री आशीष सूद, संसद सदस्य कमलजीत सहरावत मौजूद रहे। देश-विदेश से आए हजारों भक्त इस संकीर्तन यात्रा में शामिल होकर लोगों तक “हरे कृष्ण” महामंत्र का संदेश पहुँचाएँगे।
हरिनाम संकीर्तन का महत्व
हरिनाम संकीर्तन, अर्थात 16 शब्दों का हरे कृष्ण महामंत्र –“हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे” कलह और कपट से भरे कलियुग के दोषों को दूर कर आत्मिक शांति प्रदान करता है।
वैदिक साहित्य में वर्णित है कि इस युग में धर्म का एकमात्र उपाय हरे कृष्ण कीर्तन है। इसके श्रवण से तुरंत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। भक्तगण कीर्तन में भाग लेकर न केवल आनंद का अनुभव करते हैं, बल्कि नृत्य करते हुए भगवान श्रीकृष्ण की उपस्थिति का अनुभव भी करते हैं।
इस्कॉन द्वारका का संदेश
इस्कॉन द्वारका के उपाध्यक्ष श्रीगौर प्रभु ने कहा, “आज दुनिया में हर ओर कुछ न कुछ ऐसा घटित हो रहा है जिससे हृदय द्रवित हो उठता है। कहीं स्वार्थ की राजनीति है, कहीं पद-प्रतिष्ठा की होड़। अमन और शांति की सख़्त ज़रूरत है। आधुनिक युग में हरे कृष्ण महामंत्र ही विश्व शांति का वास्तविक उपाय है। यही कारण है कि इस्कॉन के सिद्धांत आज हर धर्म और पंथ के लोग अपना रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि 17 सितंबर 1965 को इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद अमेरिका पहुँचे और कृष्णभावनामृत का प्रचार प्रारंभ किया। तभी से हर वर्ष इस अवसर पर विश्वभर में ‘वर्ल्ड होलिनेम वीक’ मनाया जाता है।
क्या रही विशेष व्यवस्था
कार्यक्रम के समापन के बाद सभी भक्तों के लिए प्रसादम की व्यवस्था की जाएगी। इस्कॉन ने आम लोगों से आह्वान किया है कि वे इस आध्यात्मिक उत्सव में सम्मिलित होकर हरिनाम संकीर्तन का आनंद उठाएँ और दिव्य शांति एवं आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करें।