
सरल डेस्क
नई दिल्ली
दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने नवरात्रि, दशहरा और अन्य सांस्कृतिक-धार्मिक उत्सवों के दौरान लाउडस्पीकर और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के उपयोग की समय सीमा में छूट दी है। पहले रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर बंद करने का नियम था, लेकिन अब यह अनुमति रात 12 बजे तक बढ़ा दी गई है। यह फैसला रामलीला, दुर्गा पूजा, दंडिया और अन्य कार्यक्रमों को सुचारू रूप से आयोजित करने के लिए लिया गया है, जो सामान्यतः 10 बजे तक समाप्त नहीं होते।
लाउडस्पीकर का उपयोग
लाउडस्पीकर का उपयोग अब रात 12 बजे तक अनुमत। यह छूट 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक लागू रहेगी, जो नवरात्रि और दशहरा के उत्सवों को कवर करती है। रामलीला समितियों, दुर्गा पूजा पंडालों और अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजनों पर लागू। आवासीय क्षेत्रों में ध्वनि स्तर 45 डेसिबल से अधिक नहीं होना चाहिए, ताकि शोर प्रदूषण नियमों का पालन हो। पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि “रामलीला समितियों की लंबे समय से चली आ रही मांग पर यह छूट दी गई है। लेफ्टिनेंट गवर्नर और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के निर्देश पर यह निर्णय लिया गया।”
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का बयान
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “मैं हमेशा देखती रही हूं कि हमारे हिंदू त्योहारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। रामलीला या दुर्गा पूजा कभी 10 बजे समाप्त नहीं होती। गुजरात में दंडिया रात भर चलती है, अन्य राज्यों में कार्यक्रम पूरे रात होते हैं, तो दिल्ली के लोगों का क्या दोष?इसलिए इस बार सभी रामलीला, दुर्गा पूजा और सांस्कृतिक-धार्मिक उत्सवों को रात 12 बजे तक अनुमति दी गई है।” उन्होंने जोड़ा, “दिल्ली में राम राज्य आना चाहिए, इसके लिए हमें थोड़ा प्रयास करना होगा।”गुप्ता ने शालीमार बाग के प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर में कलश यात्रा में भाग लिया और कहा कि “नवरात्रि कलश स्थापना से शुरू होती है, जो सामूहिक परंपरा का प्रतीक है।”
क्या है नियमों का आधार !
यह छूट शोर प्रदूषण (नियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के तहत अस्थायी है। सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार, धार्मिक आयोजनों में लाउडस्पीकर का उपयोग सीमित है, लेकिन त्योहारों के दौरान छूट दी जा सकती है। नौ दिनों का यह त्योहार मां दुर्गा की आराधना पर केंद्रित है। दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स (पूर्व ट्विटर) पर मां ब्रह्मचारिणी को नमन किया और भक्तों के लिए साहस व संयम की कामना की। उन्होंने देवी स्तुति भी साझा की।
सरकार ने नवरात्रि के दौरान गैर-शाकाहारी दुकानों को बंद करने का भी आदेश दिया है, हालांकि कुछ आलोचकों ने इसे पूरे शहर में लागू करने पर सवाल उठाए हैं।
विवाद और आलोचना
मुस्लिम धर्मगुरु शाहबुद्दीन रजवी ने इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि “यह सुप्रीम कोर्ट के शोर प्रतिबंध दिशानिर्देशों के विपरीत है। रजवी ने आरोप लगाया कि “बीजेपी सरकार का यह रुख पक्षपाती है, खासकर जब ध्वनि स्तर बढ़ाने की अनुमति दी गई है। उन्होंने नवरात्रि के दौरान गैर-शाकाहारी प्रतिबंध को भी अनावश्यक बताया।”
दिल्ली के लाखों लोगों के लिए राहत
यह फैसला दिल्ली के लाखों लोगों के लिए राहत लेकर आएगा, जो रामलीला और गरबा जैसे आयोजनों में भाग लेते हैं। सरकार का उद्देश्य सांस्कृतिक परंपराओं को बनाए रखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना है। आयोजकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नियमों का सख्ती से पालन करें। नवरात्रि की धूम पूरे देश में छाई हुई है, और दिल्ली में भी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। यह फैसला त्योहारों को और जीवंत बनाने में मददगार साबित होगा।