
सरल डेस्क
चुनाव आयोग ने हाल ही में मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) से नाम हटाने की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए ई-साइन सिस्टम शुरू किया है। यह कदम मतदाता सूची में गड़बड़ियों को कम करने और अवैध रूप से नाम हटाने की कोशिशों को रोकने के लिए उठाया गया है। इस सिस्टम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वैध अनुरोधों पर ही मतदाता सूची से नाम हटाए जाएं और इस प्रक्रिया में कोई धोखाधड़ी न हो।
ई-साइन सिस्टम क्या है ?
ई-साइन सिस्टम एक डिजिटल हस्ताक्षर आधारित प्रणाली है, जो मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए दायर आवेदनों को सत्यापित करने के लिए उपयोग की जाती है। यह सिस्टम आधार-आधारित ई-केवाईसी (e-KYC) और डिजिटल हस्ताक्षर तकनीक का उपयोग करता है ताकि आवेदक की पहचान और अनुरोध की वैधता को सुनिश्चित किया जा सके। इस प्रणाली के तहत, आवेदन करने वाले व्यक्ति को अपनी पहचान सत्यापित करने के लिए आधार नंबर और डिजिटल हस्ताक्षर प्रदान करना होगा।
क्यों शुरू किया गया यह सिस्टम ?
हाल के वर्षों में, मतदाता सूची से अवैध रूप से नाम हटाए जाने की शिकायतें सामने आई थीं। कुछ मामलों में, यह आरोप लगाया गया कि बिना मतदाता की सहमति के उनके नाम हटाए गए, जिससे उनकी वोट देने की क्षमता प्रभावित हुई। इस तरह की अनियमितताओं को रोकने के लिए, चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया कि नाम हटाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही हो।
ई-साइन सिस्टम के तहत वेरिफिकेशन की प्रक्रिया
मतदाता या कोई अधिकृत व्यक्ति वोटर्स सर्विस पोर्टल (voters.eci.gov.in) या वोटर हेल्पलाइन ऐप के माध्यम से नाम हटाने के लिए आवेदन (फॉर्म-7) जमा करता है। आवेदन में कारण (जैसे मृत्यु, स्थानांतरण, डुप्लिकेट प्रविष्टि आदि) और संबंधित दस्तावेज शामिल करने होते हैं।आवेदक को अपने आधार नंबर के माध्यम से अपनी पहचान सत्यापित करनी होगी। यह प्रक्रिया UIDAI (Unique Identification Authority of India) के डेटाबेस के साथ एकीकृत है। आधार के माध्यम से आवेदक का नाम, पता और अन्य विवरण सत्यापित किए जाते हैं।
आवेदक को अपने आवेदन को डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करना होगा। यह डिजिटल हस्ताक्षर आधार-लिंक्ड ई-साइन प्रणाली के माध्यम से किया जाता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि आवेदन वास्तविक है।
बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) द्वारा सत्यापन
आवेदन प्राप्त होने के बाद, संबंधित बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) आवेदन की जांच करता है। BLO यह सुनिश्चित करता है कि नाम हटाने का अनुरोध वैध है। इसके लिए वह मतदाता के पते पर जाकर भौतिक सत्यापन (physical verification) कर सकता है। यदि नाम हटाने का कारण मृत्यु है, तो मृत्यु प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेजों की जांच की जाती है। सत्यापन के बाद, इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) आवेदन को अंतिम रूप से स्वीकृत या अस्वीकृत करता है। आवेदक को प्रक्रिया की स्थिति के बारे में एसएमएस या ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाता है।
सिस्टम की मुख्य विशेषताएं
ई-साइन और आधार-आधारित सत्यापन से आवेदन की प्रामाणिकता सुनिश्चित होती है। डिजिटल हस्ताक्षर और ई-केवाईसी के उपयोग से धोखाधड़ी की संभावना कम होती है। ऑनलाइन प्रक्रिया से आवेदन जमा करना और स्थिति ट्रैक करना आसान हो गया है। प्रत्येक आवेदन का रिकॉर्ड रखा जाता है, जिससे गलत कार्यों की जांच संभव है।
सितंबर 2025 में, कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में अवैध रूप से मतदाता सूची से नाम हटाने की कोशिश का मामला सामने आया। इसके जवाब में, चुनाव आयोग ने 2023 में ही एक FIR दर्ज की थी और इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए ई-साइन सिस्टम को और सख्त किया।
चुनाव आयोग का बयान
आयोग ने स्पष्ट किया कि “कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन वोटर लिस्ट से नाम नहीं हटा सकता। केवल अधिकृत प्रक्रिया और सत्यापन के बाद ही यह संभव है। चुनाव आयोग ने हाल ही में रियल-टाइम वोटिंग अपडेट और पुनर्जनन वोटर इन्फॉर्मेशन स्लिप जैसी पहल शुरू की हैं, जो मतदाता सूची की विश्वसनीयता को और बढ़ाएंगी।
कुछ उपयोगकर्ताओं ने वोटर हेल्पलाइन ऐप और NVSP पोर्टल पर तकनीकी समस्याओं की शिकायत की है, जैसे OTP प्राप्त न होना या आवेदन की स्थिति ट्रैक करने में दिक्कत। कुछ मामलों में, स्थानीय BLO की ओर से जवाबदेही की कमी की शिकायतें भी सामने आई हैं। डेटा गोपनीयता को लेकर चिंताएं भी उठी हैं, खासकर तब जब तेलंगाना सरकार को मतदाता डेटा साझा करने का मामला सामने आया।
नाम जांचना या हटवाना हो ?
क्या करें अगर आपको वोटर लिस्ट में अपना नाम जांचना या हटवाना हो ? वोटर्स सर्विस पोर्टल (voters.eci.gov.in) या वोटर हेल्पलाइन ऐप पर जाएं। अपना नाम, पिता का नाम, राज्य, निर्वाचन क्षेत्र, आयु, लिंग आदि दर्ज करें।
नाम हटाने के लिए आवेदन फॉर्म-7 भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें। आधार-आधारित ई-केवाईसी और ई-साइन के माध्यम से अपनी पहचान सत्यापित करें। आवेदन की स्थिति को NVSP पोर्टल या वोटर हेल्पलाइन ऐप पर ट्रैक करें। अगर कोई समस्या हो, तो 1950 टोल-फ्री नंबर पर कॉल करें या NVSP पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।
चुनाव कार्यालय से संपर्क करने की सलाह
चुनाव आयोग का ई-साइन सिस्टम मतदाता सूची को और अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रणाली अवैध नाम हटाने की कोशिशों को रोकने और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने में मदद करेगी। हालांकि, तकनीकी समस्याओं और डेटा गोपनीयता जैसे मुद्दों पर और ध्यान देने की जरूरत है। मतदाताओं को इस प्रणाली का उपयोग करने के लिए जागरूक होने और अपने स्थानीय BLO या चुनाव कार्यालय से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।