
सरल डेस्क
तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को अभिनेता से राजनेता बने थलपति विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) की रैली में हुई भगदड़ में 39 लोगों की मौत और 50 से अधिक लोगों के घायल होने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हादसे के बाद TVK ने इसे एक सुनियोजित साजिश करार देते हुए मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें विशेष जांच दल (SIT) या CBI जांच की मांग की गई है।करूर के वेलुसामीपुरम में TVK की रैली 27 सितंबर को आयोजित हुई थी। रैली शाम करीब 7:20 बजे शुरू हुई, लेकिन विजय के देर से पहुंचने (लगभग 6-7 घंटे) और अप्रत्याशित भीड़ के कारण स्थिति बेकाबू हो गई।
मृत्यु और घायलों की आशंका
इस भगदड़ में 36 से 40 लोगों की मौत हुई, जिनमें 10 बच्चे, 16 महिलाएं और 12 पुरुष शामिल हैं। 50 से 100 लोग घायल हुए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। आयोजकों ने 10,000 लोगों की उपस्थिति का अनुमान लगाया था, लेकिन रैली में 27,000 से 50,000 लोग जुट गए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा और चिकित्सा व्यवस्था नहीं थी।
TVK पार्टी का आरोप
TVK ने दावा किया है कि यह भगदड़ एक सुनियोजित साजिश थी, जिसके पीछे सत्तारूढ़ DMK पार्टी का हाथ हो सकता है। पार्टी का कहना है कि रैली के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव शुरू किया, जिससे अफरा-तफरी मची। इसके बाद पुलिस ने बिना चेतावनी के लाठीचार्ज किया, जिसने स्थिति को और बिगाड़ दिया। TVK के वकील अरिवाजगन ने कहा कि स्थानीय लोगों से मिली जानकारी और CCTV फुटेज में साजिश के सबूत हैं।
पार्टी ने हाई कोर्ट से मांग की है कि “इस मामले की निष्पक्ष जांच CBI या किसी रिटायर्ड जज की निगरानी में कराई जाए। साथ ही, मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग की गई है।”
पुलिस और प्रशासन का पक्ष
तमिलनाडु पुलिस ने दावा किया कि रैली के लिए सुरक्षा व्यवस्था थी, लेकिन भीड़ अनुमान से कहीं अधिक थी। विजय के देर से पहुंचने और भीड़ के बेकाबू होने के कारण भगदड़ मची। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया। पुलिस ने TVK के पश्चिम जिला सचिव मथियालगन, महासचिव एन. आनंद और संयुक्त सचिव निर्मल कुमार सहित कुछ नेताओं के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या, लापरवाही और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हाई कोर्ट की रिटायर्ड जज जस्टिस अरुणा जगदीसन की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया है, जो इस हादसे की सच्चाई का पता लगाएगा।
नेताओं की प्रतिक्रियाएं
TVK प्रमुख विजय ने गहरा दुख जताते हुए कहा, “मेरा दिल टूट गया है। मैं असहनीय पीड़ा में हूं।” उन्होंने मृतकों के परिवारों के लिए 20 लाख रुपये और घायलों के लिए 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसे “गंभीर और चिंताजनक” घटना बताया और मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये और घायलों के लिए 1 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। उन्होंने घायलों के लिए बेहतर इलाज का आश्वासन दिया।
पीएम मोदी ने घटना को “बेहद दुखद” बताते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और AIADMK नेता के. पलानीस्वामी ने भी दुख जताया। AIADMK ने इस हादसे को प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम बताया।
चश्मदीदों ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। लोग घंटों तक भूखे-प्यासे थे, और विजय के देर से पहुंचने से स्थिति और बिगड़ गई। एक चश्मदीद नंद कुमार ने कहा कि भीड़ में लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे, लेकिन कोई सहायता नहीं पहुंची।
विवाद और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
DMK प्रवक्ता सरवनन अन्नादुरई ने TVK और रैली आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया, दावा किया कि लोगों को तपती धूप में घंटों इंतजार करना पड़ा। AIADMK नेता पलानीस्वामी ने कहा कि “अगर प्रशासन ने पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए होते, तो यह त्रासदी टाली जा सकती थी। उन्होंने बिजली आपूर्ति में बाधा को भी एक कारण बताया।” केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से इस घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
हाई कोर्ट में याचिका
TVK ने रविवार, 28 सितंबर को मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें इस हादसे को साजिश करार देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की गई। कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है, और इसकी सुनवाई सोमवार को होने की संभावना है। याचिका में यह भी मांग की गई है कि सरकार और पुलिस की भूमिका की जांच हो, साथ ही रैली की अनुमति और सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी का पता लगाया जाए।
करूर भगदड़ ने तमिलनाडु की राजनीति में हलचल मचा दी है। TVK का साजिश का आरोप और हाई कोर्ट में याचिका इस मामले को और संवेदनशील बना रही है। जांच आयोग और कोर्ट की सुनवाई से यह स्पष्ट हो सकता है कि यह हादसा लापरवाही का परिणाम था या इसके पीछे कोई सुनियोजित साजिश थी। फिलहाल, मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजा और इलाज की व्यवस्था की जा रही है, जबकि पुलिस और प्रशासन इस त्रासदी के कारणों की जांच में जुटे हैं।