
दिल्ली डेस्क
दिल्ली में दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर चरम पर पहुंच गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई इलाकों में 400 से ऊपर पहुंच चुका है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया है। इस संकट से निपटने के लिए बीजेपी शासित दिल्ली सरकार ने कृत्रिम वर्षा (क्लाउड सीडिंग) का ट्रायल किया, लेकिन यह प्रयास पूरी तरह विफल रहा। नतीजा? न बारिश हुई, न प्रदूषण में कोई कमी आई। इसी का फायदा उठाते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है। AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने इसे “टैक्सपेयर्स के पैसे पर नौटंकी सर्कस” करार दिया, आरोप लगाया कि सरकार ने जनता के पैसे बर्बाद कर ड्रामेबाजी की।
क्या हुआ और क्यों फेल ?
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए 23 अक्टूबर को पहला और 28 अक्टूबर को दूसरा क्लाउड सीडिंग ट्रायल किया। यह तकनीक बादलों में सिल्वर आयोडाइड जैसे केमिकल छिड़ककर कृत्रिम बारिश पैदा करने की है। ट्रायल के लिए कानपुर से विशेष विमान ‘सेसना’ बुराड़ी (उत्तर दिल्ली) में उतारा गया। विमान ने बादलों पर केमिकल छिड़के, लेकिन 4 घंटे बाद भी आसमान साफ रहा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हल्की बूंदाबांदी की खबरें आईं, लेकिन दिल्ली में कोई असर नहीं।
क्या है सरकार का दावा
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे “सफल ट्रायल” बताया। उनका कहना है कि बादलों में नमी की कमी (केवल 10-15%) थी, जो क्लाउड सीडिंग के लिए जरूरी होती है। उन्होंने कहा, “यह स्टडी का हिस्सा था। इससे हवा में PM2.5 और PM10 के पार्टिकल्स में कमी आई।” IIT कानपुर की रिपोर्ट के मुताबिक, मौसम की स्थिति अनुकूल न होने से ट्रायल फेल हो गया।
AAP ने इसे “फर्जीवाड़ा” कहा। भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “जो 2-3 बादल थे, वो भी चले गए। सरकार ने जनता के पैसे उड़ाए, लेकिन बारिश का नामोनिशान नहीं।” AAP का हमला “नौटंकी सर्कस” और “पैसे की बर्बादी” AAP ने क्लाउड सीडिंग को लेकर दिल्ली सरकार को घेरा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा, “जब केंद्र सरकार ने AAP सरकार को अनुमति नहीं दी थी, तब तो ठीक था। अब बीजेपी सरकार ने जनता के टैक्स के रुपये अपनी इस नौटंकी में उड़ा दिए।” उन्होंने अनुमान लगाया कि ट्रायल पर लाखों रुपये खर्च हुए, लेकिन कोई फायदा नहीं।
बीजेपी पर ड्रामेबाजी का आरोप
भारद्वाज बोले, “दिल्ली में आर्टिफिशियल रेन हो ही नहीं सकती। जानते हुए भी ये सर्कस क्यों खड़ा किया गया? ये सिर्फ पैसे की बर्बादी है।” AAP का कहना है कि सरकार ने मौसम पूर्वानुमान के साथ डेट चुनकर प्रचार किया, लेकिन इंद्र देवता ने साथ नहीं दिया। AAP ने याद दिलाया कि “अरविंद केजरीवाल सरकार ने 2022-23 में क्लाउड सीडिंग का प्रस्ताव रखा था, लेकिन केंद्र सरकार ने पर्यावरण मंत्रालय के हवाले से इनकार कर दिया था। अब बीजेपी सरकार में “सभी एक्सपर्ट सहमत” हो गए। SOP उल्लंघन के आरोप AAP ने कहा कि बुराड़ी ट्रायल से पहले स्थानीय लोगों या विधायकों को सूचना नहीं दी गई, जो SOP का उल्लंघन है।
बीजेपी का जवाब
बीजेपी ने कहा “AAP की नाकामी का रोना” सिरसा ने पलटवार किया, “AAP असफल सरकार चला रही थी। क्लाउड पहले आता है, फिर सीडिंग। बादल न होने पर क्या करें?” उन्होंने AAP पर पंजाब में पराली जलाने को रोकने में नाकामी का आरोप लगाया। बीजेपी प्रवक्ता अमित मालवीय ने X पर लिखा, “पंजाब में AAP की सरकार पराली जला रही है, दिल्ली को सांस नहीं लेने दे रही। दीवाली को दोष मत दो।”
प्रदूषण का संकट और राजनीतिक तकरार
दिवाली पर पटाखों की अनुमति (रात 10 बजे तक) के बावजूद धमाके आधी रात तक चले। AQI 400+ पहुंचा, बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित। X पर यूजर्स ने इसे “जहर की हवा” कहा। AAP और बीजेपी के बीच प्रदूषण हमेशा से सियासी मुद्दा रहा। AAP ने कहा, “BJP ने पटाखों की छूट दी, अब क्लाउड सीडिंग का ढोंग।” बीजेपी ने जवाब दिया, “AAP की 10 साल की नाकामी।”
पूर्ण क्लाउड सीडिंग पर विचार
सरकार ने कहा कि “ट्रायल से डेटा मिला है, जल्द पूर्ण क्लाउड सीडिंग पर विचार होगा। लेकिन मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले इलाके में यह तकनीक सीमित है – केमिकल से स्वास्थ्य जोखिम और हवा में नमी की कमी बड़ी बाधा। AAP ने मांग की है कि “खर्च का हिसाब दिया जाए और असली उपाय (जैसे GRAP सख्ती) अपनाए जाएं।”
यह विवाद दिल्ली की हवा को और गर्म कर रहा है, जबकि सड़कों पर धुंध छाई हुई है। क्या क्लाउड सीडिंग का अगला ट्रायल सफल होगा, या ये सियासी “बारिश” ही जारी रहेगी? समय बताएगा।