
दिल्ली ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसी NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) ने बड़ा खुलासा किया है। शुरुआती जांच में सामने आए इनपुट्स के आधार पर एजेंसी ने डॉक्टरों के एक व्यापक टेरर नेटवर्क का पता लगाया है, जिसके तार देश के 6 राज्यों—जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और दिल्ली—तक फैले हुए हैं।
6 राज्यों में लगातार छापेमारी
जांच को तेजी से आगे बढ़ाते हुए NIA की कई टीमें अलग-अलग राज्यों में समन्वित छापेमारी कर रही हैं। इन छापों का मकसद:
- संदिग्ध डॉक्टरों के बीच संपर्कों का पता लगाना
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और संदिग्ध दस्तावेज़ जब्त करना
- फंडिंग और विदेशी लिंक की जांच करना
- संदिग्धों की गतिविधियों की टाइमलाइन तैयार करना
NIA के DG खुद मोर्चे पर
NIA के डीजी सदानंत दाते खुद इस हाई-प्रोफाइल जांच की कमान संभाल रहे हैं। वह इस वक़्त श्रीनगर में मौजूद हैं और स्थानीय टीमों के साथ लगातार मीटिंग कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, DG दाते सभी ऑपरेशनल अपडेट्स स्वयं मॉनिटर कर रहे हैं और पूछताछ की रणनीति भी उनके निर्देशन में चल रही है।
श्रीनगर में डॉक्टरों से पूछताछ जारी
श्रीनगर स्थित मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े तीन डॉक्टर—
- डॉ. आदिल
- डॉ. मुजम्मिल
- डॉ. शाहीन
—से NIA की टीम गहन पूछताछ कर रही है। इन पर संदेह है कि वे ब्लास्ट मामले में शामिल नेटवर्क से किसी न किसी रूप में जुड़े हुए थे। पूछताछ में यह पता लगाया जा रहा है कि:
- क्या ये डॉक्टर किसी आतंकी संगठन के लिए ग्राउंड सपोर्ट प्रदान कर रहे थे?
- क्या अस्पतालों या क्लीनिकों का उपयोग लॉजिस्टिक सपोर्ट, कम्युनिकेशन, या फंड ट्रांसफर के लिए किया गया?
- ब्लास्ट की साजिश में इनकी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका क्या रही?
नेटवर्क का विस्तार और मॉड्यूल की तलाश
NIA को शक है कि यह नेटवर्क सिर्फ डॉक्टरों तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें मेडिकल स्टाफ, छात्र, और अन्य प्रोफेशनल भी जुड़े हो सकते हैं। एजेंसी यह भी पता लगा रही है कि:
- क्या इस नेटवर्क को विदेशी फंडिंग मिल रही थी?
- क्या यह नेटवर्क किसी बड़े मॉड्यूल का हिस्सा है जिसकी योजना अभी सामने आना बाकी है?
- क्या दिल्ली का ब्लास्ट किसी बड़े अभियान का शुरुआती चरण था?
अब तक की कार्रवाई
- 6 राज्यों में दर्जनों लोकेशनों पर छापेमारी
- कई मोबाइल, हार्ड डिस्क, लैपटॉप जब्त
- संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच
- बैंकिंग गतिविधियों की स्कैनिंग
- संदिग्धों के बीच डिजिटल कम्युनिकेशन रिकवर
आगे की दिशा
NIA आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियों तथा छापेमारी की संभावना से इनकार नहीं करती। एजेंसी दिल्ली ब्लास्ट मामले को एक बड़े नेशनल सिक्योरिटी थ्रेट के रूप में देख रही है और इसके पीछे छिपे पूरे नेटवर्क को बेनकाब करने के लिए आक्रामक तरीके से कार्रवाई कर रही है।