
नई दिल्ली, आज — लगातार गिरते तापमान और बढ़ते पॉल्यूशन के दोहरे प्रकोप ने दिल्ली-NCR में लोगों की मेंटल हेल्थ पर असर डालना शुरू कर दिया है। ठंड की तेज़ी, धुंध से भरी हवा और AQI का लगातार खराब स्तर लोगों में तनाव, चिड़चिड़ापन, एंग्ज़ायटी और नींद की दिक्कतें बढ़ा रहा है।
पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में एयर क्वालिटी ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी के बीच झूल रही है। डॉक्टरों का कहना है कि खराब हवा न सिर्फ फेफड़ों पर दबाव डालती है, बल्कि दिमाग पर भी असर छोड़ती है। जब हवा में ऑक्सीजन कम और जहरीले तत्व ज़्यादा होते हैं, तो दिमाग को मिलने वाली ताज़गी और ऊर्जा कम हो जाती है, जिससे मूड-स्विंग, थकान और तनाव बढ़ना आम हो जाता है।
कामकाजी लोगों पर बढ़ता दबाव
ऑफिस आने-जाने के दौरान धुंध और स्मॉग का सामना करने से लोग मानसिक रूप से थके हुए महसूस कर रहे हैं। कई कंपनियों में कर्मचारियों ने रिपोर्ट किया है कि उनकी उत्पादकता घट रही है और सिरदर्द, ध्यान न लगना और लगातार थकान जैसी शिकायतें बढ़ रही हैं।
बच्चों और बुज़ुर्गों की परेशानी भी बढ़ी
स्कूल जाने वाले बच्चों पर धुंध का असर साफ देखा जा रहा है। अभिभावकों के अनुसार, बच्चे सुबह उठने में अधिक परेशानी महसूस कर रहे हैं और मूड में भी उतार-चढ़ाव दिख रहा है। वहीं बुज़ुर्गों में भी बेचैनी और एंग्ज़ायटी के मामले बढ़े हैं।
एक्सपर्ट की सलाह
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मौसम में लोग खुद का ध्यान ज़्यादा रखें।
- घरों में एयर-प्यूरीफायर और मास्क का इस्तेमाल करें
- पर्याप्त नींद लें
- कैफीन कम और पानी ज़्यादा पिएं
- हल्की एक्सरसाइज़ या मेडिटेशन तनाव कम करने में मदद करती है
- बच्चों और बुज़ुर्गों के साथ अतिरिक्त सतर्कता बरतें
दिल्ली-NCR में फिलहाल मौसम और हवा की स्थिति जल्दी सुधरने के संकेत नहीं दिख रहे। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि “आगे आने वाले दिनों में मेंटल हेल्थ को लेकर जागरूक रहना बेहद ज़रूरी है।”