
नई दिल्ली:– बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में महागठबंधन की करारी हार के बाद कांग्रेस पर सहयोगी दल शिवसेना (UBT) ने जोरदार हमला बोला है। शिवसेना (UBT) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कांग्रेस को एक पुरानी कहावत से कटाखों पर लिया- ‘सोए हुए व्यक्ति को जगाया नहीं जा सकता’। यह तंज मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनावों से ठीक पहले कसा गया, जिसमें दुबे ने चेतावनी दी कि कांग्रेस मुंबई में भी 2-4 सीटों तक सिमट सकती है।
बिहार चुनाव में कांग्रेस का बुरा हाल
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन को एनडीए (BJP-JD(U) गठबंधन) ने करारी शिकस्त दी। एनडीए ने 243 सीटों में से करीब 170 सीटें जीत लीं, जबकि महागठबंधन को मात्र 70 के आसपास ही संतुष्टि मिली।
कांग्रेस, जो महागठबंधन की प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी है, का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। 2015 के पिछले चुनाव में महागठबंधन में कांग्रेस को 61 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार RJD के साथ गठबंधन में अपनी दावेदारी घटाकर मात्र 6 सीटें ही मांगीं। नतीजे आने के बाद कांग्रेस को इनमें से भी ज्यादा सीटें नहीं मिल सकीं, जिससे पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर छवि और धूमिल हुई। कांग्रेस नेताओं ने हार के बाद RJD पर सीट बंटवारे का दोष मढ़ा, लेकिन सहयोगी दलों ने इसे कांग्रेस की आंतरिक कमजोरी और रणनीतिक चूक बताया।
शिवसेना (UBT) का तंज
सोई हुई कांग्रेस को जगाना बेकारशिवसेना (UBT) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने बिहार नतीजों का हवाला देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को लगता है कि वह बहुत ताकतवर है। बिहार में अपनी नाकामियों को नजरअंदाज कर रही है। अगर उन्हें लगता है कि वे अकेले सब कुछ कर लेंगे, तो उन्हें देखने दें- सोए हुए व्यक्ति को जगाया नहीं जा सकता।”
दुबे ने चेतावनी दी कि मुंबई BMC चुनावों (जो दिसंबर 2025 में होने वाले हैं) में कांग्रेस को भी बिहार जैसी सजा मिलेगी। उन्होंने अनुमान लगाया कि महा विकास अघाड़ी (MVA) में कांग्रेस 2-4 सीटों पर सिमट जाएगी। दुबे ने कांग्रेस को MVA की एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी बताते हुए कहा कि बिहार जैसी गलतियां दोहराने से गठबंधन की पूरी रणनीति बिगड़ जाएगी। उन्होंने अपील की कि कांग्रेस को अपनी कमजोरियों को सुधारना चाहिए, वरना BMC में भी हार निश्चित है।
BMC चुनावों और MVA में तनाव बढ़ा
मुंबई BMC चुनाव महाराष्ट्र की सियासत का बड़ा मुकाबला हैं, जहां 227 वार्डों पर नजरें टिकी हैं। MVA (शिवसेना UBT, NCP-SP और कांग्रेस) के बीच सीट बंटवारे पर अभी भी सहमति नहीं बनी है। कांग्रेस ने BMC में अकेले लड़ने की धमकी दी है, जिससे शिवसेना UBT नाराज है। दुबे ने इसे “अहंकार” करार दिया और कहा कि बिहार की हार से सबक नहीं ले रही कांग्रेस।
दूसरी ओर, महायुति (BJP, शिवसेना-शिंदे गुट और NCP-अजित पवार) ने BMC पर कब्जा जमाने का दावा किया है। BJP के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, “महायुति तीनों पार्टियां मिलकर BMC चुनाव लड़ेंगी। हमारा लक्ष्य दो-तिहाई वार्ड (करीब 150+) जीतना और 51% वोट शेयर हासिल करना है।”
क्या गठबंधन में दरार ?
बिहार नतीजों ने INDIA गठबंधन (जिसमें कांग्रेस और शिवसेना UBT शामिल हैं) को झटका दिया है। लोकसभा 2024 में सफलता के बाद विधानसभा स्तर पर असफलता ने आंतरिक कलह बढ़ा दिया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि “यह तंज BMC चुनावों से पहले MVA में सीट शेयरिंग पर दबाव बनाने की रणनीति है। कांग्रेस को मजबूरन गठबंधन में ज्यादा सीटें मांगनी पड़ सकती हैं। कांग्रेस की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन महाराष्ट्र कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा, “हम हर चुनाव में मजबूत लौटेंगे। सहयोगियों को धैर्य रखना चाहिए।”
यह तंज न केवल बिहार की हार पर आधारित है, बल्कि आगामी BMC और अन्य राज्य चुनावों के लिए एक संदेश भी है। क्या कांग्रेस जागेगी या गठबंधन में और दरारें आएंगी ? आने वाले दिनों में साफ होगा।