Written by– Sakshi Srivastava
हाल ही में दिल्ली में पार्किंग फीस में बढ़ोतरी की गई है, लेकिन इसके बावजूद शहर में प्रदूषण की समस्या जस की तस बनी हुई है। सरकार का मानना है कि ज्यादा पार्किंग फीस लगाने से लोग अपनी गाड़ियों का इस्तेमाल कम करेंगे और सार्वजनिक परिवहन की ओर बढ़ेंगे। लेकिन असलियत यह है कि केवल पार्किंग फीस बढ़ाने से प्रदूषण की समस्या का हल नहीं निकल रहा है। दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति indeed चिंताजनक है। 94 दिनों बाद ‘बेहद खराब’ वायु गुणवत्ता दर्ज होने से शहर में स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण के लागू होने से कई पाबंदियां लगाई गई हैं, जो कि स्थिति को सुधारने में मदद कर सकती हैं। नागरिकों को भी सलाह दी जा रही है कि वे बाहर जाने से बचें और मास्क पहनें।
प्रदूषण के मुख्य कारण
- वाहनों की संख्या: दिल्ली में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर साल हजारों नई गाड़ियाँ सड़कों पर आ रही हैं, जिससे ट्रैफिक जाम और प्रदूषण बढ़ रहा है।
- उद्योग और निर्माण: शहर में चलने वाले उद्योग और निर्माण कार्य भी प्रदूषण का बड़ा कारण हैं। ये प्रदूषक पदार्थ हवा में मिलाकर स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहे हैं।
- जलवायु परिवर्तन: मौसम में बदलाव और जलवायु परिवर्तन भी प्रदूषण की स्थिति को और बिगाड़ रहे हैं। समाधान की दिशा में कदम
सिर्फ पार्किंग फीस बढ़ाना ही उपाय नहीं है। इसके लिए अन्य कदम उठाने की जरूरत है:
- सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा: बस, मेट्रो और अन्य परिवहन के विकल्पों को मजबूत करना चाहिए ताकि लोग निजी वाहन कम इस्तेमाल करें।
- इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन: इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद को सस्ता करना और चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाना चाहिए।
- हरित क्षेत्र का विकास: दिल्ली में और पार्क और हरित क्षेत्र विकसित करने से हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।