Written by– Sakshi Srivastava

हर साल, हमारे शहरों में प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है। आज, एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 352 पर पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। इससे न केवल वायु की गुणवत्ता प्रभावित होती है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है।
अन्य क्षेत्रों की स्थिति:
शहरों में प्रदूषण के स्तर में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। कुछ इलाकों में एक्यूआई 300 से ऊपर है, जो बताता है कि हवा में हानिकारक तत्वों की मात्रा बहुत ज्यादा है। यह स्थिति सर्दियों में और भी बदतर हो जाती है, जब धुंध और ठंड के कारण प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है।
इस समस्या का समाधान जरूरी है। सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए, जैसे औद्योगिक प्रदूषण पर नियंत्रण, वाहनों की संख्या में कमी, और हरियाली बढ़ाने के लिए कदम उठाना। हमें भी व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है, जैसे कारपूलिंग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल और पौधे लगाना।
दिल्ली और आसपास के शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति
राजधानी दिल्ली और आस-पास के शहर जैसे गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार 300 से ऊपर बना हुआ है, जो कि एक बहुत खराब स्तर है। इससे स्थानीय निवासियों को कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गुरुवार की सुबह, दिल्ली के आनंद विहार में एक्यूआई का स्तर 352 दर्ज किया गया। अन्य इलाकों में भी स्थिति चिंताजनक है, जहां एक्यूआई 200 के ऊपर है। जैसे-जैसे ठंड का मौसम शुरू हो रहा है, प्रदूषण की यह समस्या हर साल बढ़ती जा रही है।
दिल्ली में ग्रैप-2 के नियम लागू हैं, जो प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदम हैं। फिर भी, प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आ रही है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका है, और यह आवश्यक है कि सभी संबंधित पक्ष मिलकर इसे हल करने के लिए ठोस कदम उठाएं।
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक: 23 अक्टूबर का दिन रहा सर्वाधिक प्रदूषित
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, बुधवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 364 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। यह मंगलवार की तुलना में 37 अंक अधिक है।
इस सीजन में 23 अक्टूबर का दिन सबसे अधिक प्रदूषित रहा, जिससे स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के इस स्तर ने सभी की चिंता बढ़ा दी है और इस पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीरता: 11 इलाकों में एक्यूआई 500 तक पहुंचा
हाल ही में दिल्ली के विवेक विहार, आईटीओ, द्वारका समेत 11 इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 तक पहुंच गया, जो अति गंभीर श्रेणी में आता है। जबकि डीटीयू और दिलशाद गार्डन में हवा बेहद खराब रही, पंजाबी बाग में हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में दर्ज की गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि शनिवार तक दिल्लीवालों को बेहद प्रदूषित हवा में सांस लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के अनुसार, बुधवार को उत्तर भारत में पराली जलाने की 600 से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं, जिससे दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 11.16 प्रतिशत रही।
डिसिजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के आंकड़ों के मुताबिक, खुले में कूड़ा जलने से होने वाले धुएं का योगदान 1.267 प्रतिशत रहा, जबकि यातायात से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 13.555 प्रतिशत थी। यह स्थिति इस बात की पुष्टि करती है कि प्रदूषण का मुख्य कारण कृषि अवशेषों का जलाना और यातायात हैं।
हाल के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कुछ इस प्रकार है।
- दिल्ली: 364 (बेहद खराब)
- गाजियाबाद: 305 (खराब)
- नोएडा: 300 (खराब)
- ग्रेटर नोएडा: 254 (खराब)
- गुरुग्राम: 247 (खराब)
- फरीदाबाद: 238 (खराब)
