Written by- Sakshi Srivastava
हाल ही में पुलिस और छात्रों के बीच एक गंभीर नोकझोंक और हाथापाई की घटना सामने आई। यह घटना उस समय घटी जब छात्र एक खास मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने छात्रों को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड्स लगाए थे, लेकिन छात्रों ने इन बैरिकेड्स को तोड़ दिया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई। दोनों पक्षों के बीच तीखी झड़पें हुईं, जिससे माहौल और भी उग्र हो गया।
आज सुबह 8:00 बजे अचानक पुलिस फोर्स धरनास्थल पर पहुंची और कई छात्रों को खींचते हुए लेकर चली गई। इनमें छात्र नेता आशुतोष पांडे भी शामिल हैं, जो उस वक्त धरने का नेतृत्व कर रहे थे। इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच खींचतान हुई, जिसमें कई छात्राएं चोटिल हो गईं। खास बात यह रही कि कई पुलिसकर्मी बिना वर्दी के थे, जिससे स्थिति और भी संवेदनशील हो गई। इस घटना के बाद प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और बढ़ गया है, और छात्र प्रशासन के खिलाफ विरोध जता रहे हैं।
प्रयागराज में अभ्यर्थियों का प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी है, और यह स्थिति काफी तनावपूर्ण बन गई है। प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और छात्रों के बीच नोकझोंक और हाथापाई हो रही है, जिससे हालात और भी बिगड़ गए हैं। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने बैरिकेड तोड़कर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के गेट तक पहुँचने की कोशिश की है, जिसे लेकर पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है। इस समय भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद है और स्थिति को काबू करने की कोशिश की जा रही है।
प्रदर्शनकारी छात्र अपने मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने के लिए सड़कों पर उतर आए थे, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया। इस हाथापाई और तनावपूर्ण स्थिति के कारण आसपास के इलाके में भी अफरातफरी मच गई। हालांकि, प्रशासन की तरफ से अब स्थिति को शांत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रयागराज में छात्रों के प्रदर्शन में एक नया मोड़ आ गया है, जब छात्राओं ने मोर्चा संभाल लिया है। छात्राओं का आरोप है कि उनके साथ कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी और पुलिस द्वारा अभद्रता की गई है। इसके बाद, छात्राओं ने धरने का नेतृत्व किया और प्रदर्शन को और तेज कर दिया। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और धरना स्थल के चारों ओर बैरिकेडिंग को और कड़ा कर दिया गया है। छात्र पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। वहीं, राजनीतिक दबाव भी बढ़ता जा रहा है, और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों से मुलाकात करने का इरादा रखते हैं, जिससे इस आंदोलन को और तूल मिल सकता है।
इस घटना ने यह साफ कर दिया कि जब भी कोई मुद्दा गंभीर हो, तो दोनों पक्षों के बीच समझदारी और शांतिपूर्ण संवाद की बेहद आवश्यकता होती है, ताकि ऐसी तनावपूर्ण घटनाओं से बचा जा सके।