Written by-Sakshi Srivastava
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण समस्या गंभीर होती जा रही है, और इसे नियंत्रण में लाने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कई उपायों की जरूरत है। लेकिन GRAP-3 (ग्रेड 3) को लागू करने में दिल्ली सरकार की देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम उठाने में निष्क्रिय दिख रही है और इसे लेकर सख्त चेतावनी दी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर दिल्ली सरकार ने समय रहते GRAP-3 लागू नहीं किया, तो और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों के संदर्भ में कड़ी टिप्पणी की। जस्टिस ओका ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए यह सवाल किया कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) को लागू करने में देरी क्यों हुई। उन्होंने पूछा कि इस तंत्र को लागू करने में देरी करने का जोखिम कैसे उठाया जा सकता है, खासकर जब वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो।
जस्टिस ओका ने यह भी सवाल किया कि दिल्ली सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठा रही थी, और यह क्यों नहीं सुनिश्चित किया गया कि जीआरएपी तंत्र समय पर लागू हो। उन्होंने अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा कि प्रदूषण की स्थिति में सुधार के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए हैं। इस दौरान, न्यायालय ने सरकार से तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की उम्मीद जताई, ताकि वायु प्रदूषण की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
GRAP-3 में एयर क्वालिटी के खराब होने पर कुछ खास प्रतिबंधों और उपायों की योजना है, जैसे कि निर्माण कार्यों को रोकना, वाहनों के प्रदूषण को कम करना और प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखना।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार को अब जल्द से जल्द GRAP-3 लागू करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है, ताकि प्रदूषण का स्तर नियंत्रित किया जा सके और दिल्लीवासियों को स्वच्छ हवा मिल सके।