Written by- Sakshi Srivastava
शुरुआत में, भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है। बीएसई का सेंसेक्स 468.17 अंक गिरकर 77,110.21 अंक पर आ गया, जबकि एनएसई का निफ्टी 179.75 अंक गिरकर 23,338.75 अंक पर पहुंच गया। इस गिरावट के कारण बाजार में निवेशकों को नुकसान हो रहा है।
सेंसेक्स के 30 प्रमुख शेयरों में अदाणी पोर्ट्स के शेयर में 10 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई, जो एक प्रमुख कारण हो सकता है इस गिरावट का। इसके अलावा, कई अन्य प्रमुख शेयरों में भी गिरावट देखी गई है, जैसे बैंकिंग, आईटी और ऑटो सेक्टर के कुछ शेयरों में नुकसान हुआ है।
यह गिरावट विभिन्न कारकों के कारण हो सकती है, जैसे वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव, ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका, और घरेलू आर्थिक आंकड़ों का दबाव। निवेशकों के लिए यह समय सतर्कता बरतने का हो सकता है, खासकर अगर वे तात्कालिक लाभ की तलाश में हैं।
शुरुआती कारोबार में भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है। बीएसई का सेंसेक्स 468.17 अंक गिरकर 77,110.21 अंक पर आ गया, जबकि एनएसई का निफ्टी 179.75 अंक गिरकर 23,338.75 अंक पर पहुंच गया। इस गिरावट का एक प्रमुख कारण अदाणी पोर्ट्स के शेयरों में 10 प्रतिशत तक की गिरावट है।
यह गिरावट तब आई है जब अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी को अमेरिकी अभियोजकों ने एक गंभीर आरोप में घेर लिया। अमेरिकी अभियोजकों के अनुसार, अदाणी पर यह आरोप है कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों को सौर ऊर्जा अनुबंधों के बदले 250 मिलियन अमरीकी डॉलर की रिश्वत देने की योजना में शामिल थे। इस आरोप के बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई है, जिससे पूरे शेयर बाजार पर दबाव पड़ा है।
यह मामला अदाणी समूह के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि इससे कंपनी की प्रतिष्ठा पर असर पड़ सकता है, जो भारतीय शेयर बाजार में पहले से ही काफी निवेशकों के लिए चिंता का कारण बन चुका है। निवेशकों को इस हालात में सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि इस तरह के मामले शेयर बाजार में अस्थिरता ला सकते हैं।
अदाणी समूह के अन्य शेयरों में भी शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट देखी गई। अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी ग्रीन एनर्जी, और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस जैसे प्रमुख शेयरों में तेज गिरावट आई, जो बाजार के परफॉर्मेंस को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य प्रमुख कंपनियां भी पिछड़ीं और नुकसान में रहीं, जिनमें भारतीय स्टेट बैंक (SBI), इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी और टाटा मोटर्स प्रमुख हैं।
ये गिरावट विशेष रूप से तब देखी जा रही है जब अदाणी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों द्वारा रिश्वत देने के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले के प्रभाव से कंपनी के शेयरों में काफी अस्थिरता देखने को मिल रही है, जिससे निवेशक निराश हैं और कई शेयरों में बिकवाली हो रही है।
इसके साथ ही, बैंकिंग और ऊर्जा क्षेत्रों में भी कमजोरी देखी जा रही है, खासकर SBI और इंडसइंड बैंक में, जो संभवतः वैश्विक आर्थिक संकेतकों और आंतरिक चुनौतियों के कारण प्रभावित हो रहे हैं। एनटीपीसी और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियां भी मंदी की चपेट में आई हैं, जिनकी प्रदर्शन में गिरावट के कारण इन शेयरों में दबाव आ रहा है।
शुरुआती कारोबार में इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और टेक महिंद्रा जैसे आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के शेयरों में लाभ देखने को मिला। इन कंपनियों के मजबूत प्रदर्शन ने कुछ हद तक बाजार को सहारा दिया, जबकि अन्य क्षेत्रों में गिरावट जारी रही।
इसके बावजूद, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी बिकवाली की। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, एफआईआई ने 3,411.73 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। यह बिकवाली बाजार में अस्थिरता और निवेशकों की चिंता को बढ़ा सकती है, खासकर जब वैश्विक कारक और कंपनी-विशिष्ट विवादों का प्रभाव दिख रहा हो।
एफआईआई की यह बिकवाली खासतौर पर उन चिंताओं का परिणाम हो सकती है, जो अदाणी समूह पर आरोपों, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और भारत के घरेलू बाजार की स्थिरता को लेकर उठ रही हैं। इस बिकवाली ने भारतीय बाजार पर दबाव डाला है, हालांकि आईटी सेक्टर ने अपनी मजबूती के साथ बाजार को थोड़ा सपोर्ट किया है।
आज के वैश्विक बाजारों में मिश्रित रुझान देखने को मिला। एशियाई बाजारों में टोक्यो, शंघाई, और हांगकांग में गिरावट दर्ज की गई, जबकि सियोल (दक्षिण कोरिया) में हल्की तेजी रही। इन बाजारों की गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक आर्थिक चिंताओं और चीन के कमजोर आर्थिक आंकड़ों के कारण रही।
वहीं, अमेरिकी बाजार अधिकतर सकारात्मक दायरे में बंद हुए, जो निवेशकों को कुछ राहत देने वाला था। अमेरिकी बाजारों में मजबूत कंपनी नतीजों और आर्थिक आंकड़ों की वजह से उत्साह था, जो घरेलू बाजारों को प्रभावित कर रहे थे।
वैश्विक तेल कीमतों की बात करें तो, ब्रेंट क्रूड में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 72.99 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। यह वृद्धि वैश्विक तेल आपूर्ति और मांग से जुड़े विभिन्न कारकों, जैसे उत्पादन कटौती और वैश्विक आर्थिक गतिविधियों से संबंधित उम्मीदों के कारण आई।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के कारण बुधवार को भारतीय शेयर बाजार बंद रहे, जो एक अस्थायी ब्रेक था। इसके बावजूद, मंगलवार को चार दिनों की गिरावट के बाद बीएसई का बेंचमार्क सेंसेक्स में हल्का सुधार देखा गया। सेंसेक्स 239.37 अंक या 0.31 प्रतिशत चढ़कर 77,578.38 पर बंद हुआ।
इसी तरह, एनएसई का निफ्टी भी पिछले सात कारोबारी दिनों की गिरावट के बाद 64.70 अंक या 0.28 प्रतिशत बढ़कर 23,518.50 पर बंद हुआ। यह उछाल मुख्य रूप से कुछ प्रमुख सेक्टरों जैसे आईटी और वित्तीय सेवाओं के शेयरों में सुधार के कारण आया, जो बाजार को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे थे।
गुरुवार को अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई, जिसमें कुछ शेयरों में 20% तक की गिरावट देखी गई। यह गिरावट तब आई जब अमेरिका में गौतम अदाणी और उनके सात सहयोगियों पर अरबों डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी योजना में आरोप लगाए गए।
अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया कि अदाणी समूह के प्रमुख व्यक्तियों ने अनुकूल शर्तों के बदले अधिकारियों को रिश्वत दी, जिससे कंपनियों को सौर ऊर्जा अनुबंधों में लाभ हुआ। इस गंभीर आरोप के बाद, निवेशकों में भय और अस्थिरता का माहौल बन गया, जिसका परिणाम अदाणी समूह के शेयरों में तेज गिरावट के रूप में सामने आया।
इस आरोप के कारण अदाणी समूह की प्रतिष्ठा पर असर पड़ा है, और बाजार में अस्थिरता बनी रही, जिससे अन्य निवेशक भी इन शेयरों से बाहर निकलने को मजबूर हुए। अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में यह गिरावट भारत के शेयर बाजार में व्यापक प्रभाव डाल सकती है, क्योंकि अदाणी समूह भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख हिस्सेदारों में से एक है।
अमेरिकी अभियोजकों ने बुधवार को अदाणी समूह पर आरोप लगाए कि उसने सौर ऊर्जा अनुबंधों को प्राप्त करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी। इस गंभीर आरोप के बाद अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई।
अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जिसमें करीब 20% की गिरावट आई। इसके अलावा, अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में भी लगभग 18% की गिरावट देखने को मिली। अदाणी टोटल गैस और अदाणी पावर के शेयरों में भी क्रमशः 13-14% की गिरावट आई, जिससे पूरे अदाणी समूह के शेयरों में तेज बिकवाली हुई।
अदाणी समूह की अन्य कंपनियों के शेयरों में भी भारी गिरावट देखने को मिली। अदाणी एंटरप्राइजेज, अंबुजा सीमेंट्स, एसीसी, और अदाणी पोर्ट्स के शेयर 10% लोअर सर्किट के साथ बंद हुए, जिसका मतलब है कि इन शेयरों में बिकवाली इतनी अधिक थी कि इनकी कीमतों को रोकने के लिए ट्रेडिंग पर स्थगन लगाया गया।
इसके अलावा, एनडीटीवी के शेयरों में भी 11% की गिरावट आई। अदाणी विल्मर के शेयर में 8% और नव-अधिग्रहित सांघी इंडस्ट्रीज के शेयर में 6% की गिरावट दर्ज की गई।