Written by-Sakshi Srivastava
महाराष्ट्र में अगले मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस जारी है, क्योंकि अभी तक किसी नेता के नाम पर आधिकारिक तौर पर मुहर नहीं लगी है। इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई स्थित राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपने पद से इस्तीफा सौंप दिया है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस भी उनके साथ उपस्थित थे। हालांकि, अगले मुख्यमंत्री के चुनाव तक एकनाथ शिंदे कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर पद की जिम्मेदारी निभाएंगे। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है, जिससे राज्य में राजनीतिक स्थिति और भी उलझी हुई है।
क्या देवेंद्र फडणवीस होंगे नए मुख्यमंत्री?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र में महायुति में सीएम पद को लेकर सहमति बन गई है और भाजपा की तरफ से देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना है। इसके अलावा, शिवसेना और राकांपा गुट से एक-एक डिप्टी सीएम नियुक्त किए जाने की योजना है। विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलने के बावजूद, सीएम पद को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच खींचतान जारी है। शिवसेना, एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है। इसके साथ ही, शिवसेना ने महाराष्ट्र में बिहार फार्मूला लागू करने की बात भी की है, जहां भाजपा ने ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था। शिवसेना के सात सांसदों के प्रधानमंत्री से मुलाकात की भी चर्चा है, जिसे दबाव की राजनीति के रूप में देखा जा रहा है।
शिवसेना विधायक और पार्टी प्रवक्ता संजय पांडुरंग शिरसाट ने मीडिया से बातचीत में यह दावा किया है कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री का ऐलान 30 नवंबर, शनिवार को किया जाएगा। इससे पहले ऐसी खबरें थीं कि मुख्यमंत्री का नाम मंगलवार शाम तक घोषित किया जा सकता है, लेकिन शिरसाट के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि महायुति में सीएम पद को लेकर खींचतान अभी भी जारी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यदि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं, तो वे डिप्टी सीएम का पद भी स्वीकार नहीं करेंगे। इसके बजाय, वे अपनी जगह पार्टी के किसी अन्य नेता को डिप्टी सीएम बनाने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, महाराष्ट्र में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख अभी तय नहीं हुई है, और यह स्थिति अभी भी अनिश्चित बनी हुई है।
ये रहे परिणाम।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य की 288 सीटों में से 234 सीटों पर जीत हासिल की। इस परिणाम में भाजपा ने सबसे ज्यादा 132 सीटों पर कब्जा किया, जबकि शिवसेना ने 57 और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की। इस जीत के बाद, महायुति के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है, और यह राजनीतिक समीकरण राज्य में नए सरकार के गठन की दिशा तय करेगा।