Written by-Sakshi Srivastava
संभल में शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने के मामले में आज सिविल जज सीनियर डिविजन चंदौसी की कोर्ट में पहली सुनवाई होगी। इस दौरान सर्वे रिपोर्ट भी अदालत में पेश की जा सकती है। मामले को लेकर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। न्यायालय की ओर जाने वाले सभी रास्तों को बैरीकेडिंग से बंद कर दिया गया है, और ड्रोन व कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है। प्रशासन की यह कोशिशें स्थिति को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हैं।
मुरादाबाद रेंज के डीआईजी मुनिराज जी ने शुक्रवार की नमाज को लेकर आश्वस्त किया कि यह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होगी। उन्होंने कहा, “इसके लिए हमने सभी आवश्यक इंतजाम कर लिए हैं। तीन स्तरीय सुरक्षा योजना लागू की गई है, जिसमें पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) और आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) को भी तैनात किया गया है।” यह सुरक्षा इंतजामों को लेकर प्रशासन पूरी तरह से तैयार है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके और धार्मिक कार्यवाही शांति से संपन्न हो।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद रेंज के DIG मुनिराज जी ने शुक्रवार की नमाज को लेकर बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा, “शुक्रवार की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से होगी और इसके लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं। तीन स्तरीय सुरक्षा योजना लागू की गई है और पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) तथा आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) को भी तैनात किया गया है।” प्रशासन द्वारा किए गए इस सुरक्षा इंतजाम के उद्देश्य से किसी भी प्रकार की असमाजिक गतिविधि या कानून-व्यवस्था की समस्या से बचा जा सके।
बृहस्पतिवार से ही पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सतर्क नजर आया। सीओ संतोष कुमार और कोतवाल रेनू सिंह ने भारी पुलिस बल के साथ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों जैसे लक्ष्मण गंज, सीकरी गेट, पजाया, जारई गेट, और संभल गेट में ड्रोन कैमरे के माध्यम से निगरानी की। इस दौरान कई घरों की छतों पर ईंट-पत्थर रखे हुए पाए गए, जिसे लेकर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए गृह स्वामियों से उन ईंट-पत्थरों को हटवाया। पुलिस की इस तत्परता से स्थिति को शांतिपूर्ण बनाए रखने की कोशिश की गई है।
न्यायालय परिसर में केवल पंजीकृत अधिवक्ताओं को ही प्रवेश दिया जाएगा, जबकि वादकारियों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा, न्यायालय के आसपास के मकानों की छतों पर भी पुलिस बल तैनात रहेगा, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। यह कदम सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए हैं।
न्यायालय की सुरक्षा के लिए ड्रोन कैमरों का भी उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, अधिवक्ताओं से भी बातचीत कर उन्हें सहयोग करने की अपील की गई है। शुक्रवार सुबह आठ बजे से ही शक्तिनगर, मुंसिफ रोड और न्यायालय से सटे आवास विकास सहित सभी प्रमुख रास्तों को बैरीकेडिंग करके सील कर दिया गया है। इन रास्तों पर आम लोगों की एंट्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है, ताकि सुरक्षा व्यवस्था में कोई भी बाधा न आए और शांति बनाए रखी जा सके।
शुक्रवार को न्यायालय में सर्वे रिपोर्ट पेश की जा सकती है, और शहर में अमन-चैन बनाए रखने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर लिए हैं। बृहस्पतिवार से ही न्यायालय की सुरक्षा में तैनात प्रभारी वीरपाल सिंह और शहर कोतवाल रेनू सिंह सुरक्षा इंतजामों में सक्रिय रूप से जुटे रहे हैं। इन प्रयासों के तहत हर स्थिति पर नजर रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो और कानून-व्यवस्था बनी रहे।
न्यायालय ने 19 नवंबर को कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव को नियुक्त करते हुए सर्वे (कमीशन) के आदेश दिए थे, और आगामी तिथि 29 नवंबर को सुनवाई के लिए निर्धारित की गई थी। कोर्ट कमिश्नर उसी दिन शाही जामा मस्जिद में अपनी टीम के साथ सर्वे करने के लिए पहुंचे थे। इसके बाद, बीते रविवार की सुबह जब वे डीएम और एसपी की सुरक्षा में पुनः सर्वे के लिए पहुंचे, तो स्थिति बिगड़ गई और संभल में हिंसा भड़क गई। इस बवाल में दुर्भाग्यवश पांच लोगों की जान चली गई, जिससे इलाके में तनाव फैल गया और प्रशासन को स्थिति को काबू में करने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करनी पड़ी।