
स्पेशल डेस्क
भारतीय संसद एक कानून में बदलाव करने जा रही है वैसे तो यह सामान्य बात है, पर जब मामला वक्फ अधिनयम से जुड़ा हो, मौका गंभीर हो जाता है। बुधवार को लोकसभा में पक्ष और विपक्ष में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर जो बहस हुई है, उसने सभी का ध्यान खींचा है। देश के अनेक इलाकों में इसके विरोध और पक्ष में भी प्रदर्शन हुए हैं। मुस्लिमों में भी एक वर्ग है, जो संशोधन में फायदे देख रहा है, किंतु एक बड़ा वर्ग है, जो अपने से संबंधित कानून में किसी भी तरह के बदलाव नहीं चाहता है। बहरहाल, यह संशोधन विधेयक देश के पहले सबसे बड़े अल्पसंख्यक वर्ग से संबंधित है। मतलब, इस्लाम को मानने वालों पर इससे फर्क पड़ेगा। यहां यह ध्यान रखना चाहिए कि अपने देश में ऐसा कानून किसी भी दूसरे अल्पसंख्यक वर्ग के लिए नहीं है और न बहुसंख्यक वर्ग के लिए। वक्फ बोर्ड एक्ट और ट्रिब्यूनल सब एक ही अल्पसंख्यक वर्ग के लिए है। ताजा संशोधन वक्फ एक्ट 1995 में किए जा रहे हैं। यह एक्ट भारत की वक्फ संपत्ति के तहत आने वाली संपत्ति का प्रबंधन करता है। वह इन संपत्तियों से संबंधित झगड़ों का निबटारा भी करता है।
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