उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 7 जनवरी 2025 को कर्नाटक के धर्मस्थल स्थित श्री मंजूनाथ मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में मंदिरों में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने इसे समानता के सिद्धांत के खिलाफ बताते हुए कहा कि धार्मिक स्थल समानता के प्रतीक होते हैं, जहां सभी भक्तों को समान अवसर मिलना चाहिए। धनखड़ के अनुसार, वीआईपी दर्शन भक्ति और समरसता की भावना का अपमान है और इसे तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने VIP संस्कृति को सामाजिक अतिक्रमण और पथभ्रष्टता करार देते हुए कहा कि जब किसी को विशेष प्राथमिकता दी जाती है, तो यह समानता की अवधारणा को कमतर आंकना है। उन्होंने इसे समाज में असमानता बढ़ाने वाला बताया और धार्मिक स्थलों में इसका कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
इस दौरान, उपराष्ट्रपति ने श्री मंजूनाथ मंदिर में देश के सबसे बड़े ‘क्यू कॉम्प्लेक्स’ (प्रतीक्षा परिसर) ‘श्री सानिध्य’ का उद्घाटन भी किया। यह सुविधा भक्तों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई है। जो 2.75 लाख वर्ग फुट में फैला है. इसमें 16 हॉल हैं, जिनमें एक समय में 10,000 से 12,000 भक्तों के बैठने की क्षमता है. उप राष्ट्रपति ने मंदिर ट्रस्ट की इस पहल की सराहना की, जो श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.
इस प्रकार, उपराष्ट्रपति का यह बयान धार्मिक स्थलों में समानता की अवधारणा को प्रोत्साहित करने और VIP दर्शन की प्रथा को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।