
क्राइम डेस्क
17 जुलाई को बिहार की राजधानी पटना के पारस HMRI अस्पताल में एक सनसनीखेज हत्याकांड हुआ, जिसमें बक्सर के कुख्यात गैंगस्टर चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। चंदन, जो बेऊर जेल में हत्या के एक मामले में सजा काट रहा था, मेडिकल पैरोल पर अस्पताल में भर्ती था। वह बवासीर का इलाज करा रहा था। सुबह करीब 7:15 बजे, दो मोटरसाइकिलों पर सवार छह हथियारबंद अपराधी अस्पताल के OPD गेट से कमरा नंबर 209 में घुसे, जहां चंदन भर्ती था। शूटरों ने ताबड़तोड़ 32-36 गोलियां चलाईं, जिससे चंदन की मौके पर मौत हो गई और उसका अटेंडेंट दुर्गेश पाठक घायल हो गया। सीसीटीवी फुटेज में अपराधी हत्या के बाद पिस्तौल लहराते और जश्न मनाते हुए फरार होते दिखे।
पुलिस की लापरवाही और कार्रवाई
हत्याकांड ने पटना पुलिस और अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। जांच में सामने आया कि शास्त्री नगर, गांधी मैदान, गर्दनीबाग, और अन्य थानों के पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी में लापरवाही बरती। इसके चलते पटना SSP कार्तिकेय शर्मा के निर्देश पर 8 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया, जिनमें शामिल हैं
शास्त्री नगर थाना: 1 इंस्पेक्टर, 2 सब-इंस्पेक्टर, 2 सिपाही।
गांधी मैदान थाना: 1 इंस्पेक्टर (गश्त में लापरवाही के लिए)।
गर्दनीबाग थाना: 1 इंस्पेक्टर (सतर्कता की कमी के लिए)।
पुलिस ने इस हत्याकांड को गैंगवार से जोड़ा, जिसमें शेरू सिंह गैंग का नाम सामने आया। चंदन और शेरू सिंह 2011 में बक्सर में साथ अपराध करते थे, लेकिन 2017 के राजेंद्र केशरी हत्याकांड के बाद उनकी दुश्मनी शुरू हो गई। मुख्य शूटर तौसीफ उर्फ बादशाह, जो पहले भी जेल जा चुका है, ने इस हत्या की साजिश रची। तौसीफ को अस्पताल की पूरी रेकी थी, और उसने लॉक की खराबी का फायदा उठाया।
पुलिस की सफलता
बिहार STF और पटना पुलिस ने 48 घंटे के भीतर पश्चिम बंगाल के न्यू टाउन इलाके से 5-6 शूटरों को गिरफ्तार किया। इनमें से चार शूटर सीधे हत्या में शामिल थे, जबकि एक ने साजिश में मदद की। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपियों को ट्रैस किया। हालांकि, पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारियों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
सियासी बवाल
इस घटना ने बिहार में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव और RJD सांसद मनोज झा ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा, इसे पुलिस की नाकामी बताया। सीसीटीवी फुटेज में अपराधियों का बेखौफ अंदाज और पुलिस की अनुपस्थिति ने सरकार की किरकिरी कराई।
अस्पताल की लापरवाही
पारस अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है। अपराधियों को बिना गेट पास के अंदर घुसने और हत्या के बाद आसानी से भागने की घटना ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। पुलिस ने अस्पताल प्रशासन से भी जवाब मांगा है।
चंदन मिश्रा, बक्सर के सोनवर्षा का रहने वाला, 16 साल की उम्र से अपराध की दुनिया में था। उस पर बक्सर और आरा में 25 से अधिक मामले दर्ज थे, जिनमें 10 से ज्यादा हत्याएं शामिल थीं। यह हत्याकांड 1998 में IGIMS अस्पताल में मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या की याद दिलाता है। चंदन मिश्रा हत्याकांड ने बिहार में बढ़ते गैंगवार और पुलिस की लचर व्यवस्था को उजागर किया। पुलिस अब शेरू सिंह के नेटवर्क पर नजर रख रही है और उनकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है।