
सरल डेस्क
दिल्ली:- 79वें स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के अवसर पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर देश के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस समारोह में उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना, और वायु सेना) के प्रमुख, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी उपस्थित थे। यह कार्यक्रम भारी बारिश के बीच आयोजित हुआ, जो राष्ट्रपति के समर्पण और शहीदों के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर यह श्रद्धांजलि समारोह भारत के स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले सैनिकों के बलिदान को याद करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने शहीदों के सम्मान में पुष्पांजलि अर्पित की और देश की एकता, अखंडता, और संप्रभुता की रक्षा के लिए उनके योगदान को नमन किया।
इसके अतिरिक्त, स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने 103 मिनट का भाषण दिया, जो अब तक का सबसे लंबा स्वतंत्रता दिवस भाषण है, और इसमें उन्होंने देश की प्रगति, चुनौतियों, और भविष्य की आकांक्षाओं पर प्रकाश डाला। यह रिकॉर्ड पहले भी उनके नाम था, जब उन्होंने 2024 में 98 मिनट का भाषण दिया था।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि “स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस भारतीयों के लिए गर्व के अवसर हैं, जो हमें हमारे संविधान और लोकतंत्र की सर्वोच्चता की याद दिलाते हैं। उन्होंने 15 अगस्त को सामूहिक स्मृति में गहराई से अंकित तारीख बताया, जो औपनिवेशिक शासन से मुक्ति और स्वतंत्रता के सपने को साकार करने का प्रतीक है।
79वें स्वतंत्रता दिवस के उत्सव में देशभर में ध्वजारोहण, परेड, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जो भारत की विविधता और एकता को प्रदर्शित करते हैं। यह दिन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने और राष्ट्रीय एकता, लोकतांत्रिक मूल्यों, और प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का अवसर है।