
सरल डेस्क
15 अगस्त को अलास्का के एंकोरेज में जॉइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन पर होने वाली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक से पहले रूस ने स्पष्ट किया है कि इस मुलाकात के बाद कोई संयुक्त बयान जारी नहीं किया जाएगा। यह बैठक यूक्रेन-रूस युद्ध के समाधान पर केंद्रित है, और इस पर वैश्विक ध्यान है क्योंकि यह चार साल से अधिक समय में दोनों देशों के नेताओं की पहली शिखर बैठक है।रूस का रुखकोई संयुक्त बयान नहीं: रूस ने कहा है कि ट्रंप-पुतिन की बैठक के बाद कोई संयुक्त बयान जारी नहीं होगा, जो यह संकेत देता है कि दोनों पक्षों के बीच सहमति की उम्मीद कम है।
क्या हैं रूस की मांगें ?
रूस ने पहले अपनी शांति योजना में यूक्रेन से खेरसॉन, लुगांस्क, ज़ापोरिज़्ज़िया और डोनेत्स्क क्षेत्रों से सेना हटाने, नाटो में शामिल होने की महत्वाकांक्षा छोड़ने, और पश्चिमी हथियारों की आपूर्ति रोकने की मांग की थी। इसके अलावा, रूस चाहता है कि यूक्रेन रूसी भाषी आबादी के अधिकार सुनिश्चित करे और पश्चिमी प्रतिबंध हटाए जाएं। यह बैठक पुतिन के लिए पश्चिम के साथ अलगाव तोड़ने और अपनी शर्तों को आगे बढ़ाने का अवसर है, क्योंकि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद से वह पश्चिमी देशों से अलग-थलग हैं। यह उनकी 10 साल में पहली अमेरिकी यात्रा भी होगी।
अमेरिका और ट्रंप का रुख
ट्रंप ने कहा है कि “अगर रूस यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में सहयोग नहीं करता, तो उसे “गंभीर परिणाम” भुगतने होंगे, जिसमें टैरिफ और कड़े प्रतिबंध शामिल हो सकते हैं। ट्रंप ने जनवरी 2025 में पद संभालते समय 24 घंटे में युद्ध खत्म करने का वादा किया था, लेकिन आठ महीने बाद भी कोई बड़ा समझौता नहीं हुआ है। वह इस बैठक को व्यक्तिगत रूप से समझौता कराने के अवसर के रूप में देख रहे हैं। शुरू में ट्रंप ने “जमीन की अदला-बदली” की बात की थी, लेकिन यूरोपीय नेताओं से बातचीत के बाद उन्होंने इस बयान को नरम कर दिया और तत्काल युद्धविराम की मांग की।
यूक्रेन की स्थिति जेलेंस्की का बयान
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की इस बैठक में शामिल नहीं होंगे, लेकिन उन्होंने कहा है कि उनकी भागीदारी के बिना कोई शांति समझौता संभव नहीं है। उन्होंने इस मुलाकात को पुतिन की “निजी जीत” करार दिया।
यूक्रेन ने बिना शर्त युद्धविराम, सभी युद्धबंदियों की रिहाई, और रूस द्वारा कथित तौर पर अपहृत यूक्रेनी बच्चों की वापसी की मांग की है। साथ ही, भविष्य में रूसी हमलों से बचने के लिए सुरक्षा गारंटी और सेना की तैनाती पर कोई प्रतिबंध नहीं चाहता। यूरोपीय देशों, जैसे ब्रिटेन, फ्रांस, और जर्मनी, ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन की भागीदारी के बिना कोई सार्थक शांति संभव नहीं है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि यूक्रेन के क्षेत्रीय मुद्दों पर केवल जेलेंस्की ही बातचीत कर सकते हैं। अलास्का में यूक्रेन समर्थक और शांति समर्थक समूहों ने प्रदर्शन की योजना बनाई है, जिसमें बैनर और रैलियां शामिल हैं।
बैठक की तैयारियां और सुरक्षा व्यवस्था
अलास्का के सैन्य अड्डे पर होने वाली इस बैठक के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पारस्परिकता नियमों (reciprocity rules) के तहत, दोनों पक्षों के पास समान संख्या में सुरक्षाकर्मी और हथियार होंगे। उदाहरण के लिए, 10 अमेरिकी एजेंटों के जवाब में 10 रूसी एजेंट तैनात होंगे। पर्यटन सीजन के कारण अलास्का में होटल और किराये की कारें उपलब्ध नहीं हैं। कुछ रूसी प्रतिनिधियों को विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ठहरना पड़ रहा है। बैठक के दौरान एंकोरेज हवाई क्षेत्र में अस्थायी उड़ान प्रतिबंध लागू किए गए हैं।
यह बैठक यूक्रेन-रूस युद्ध के भविष्य को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण हो सकती है, लेकिन रूस के “कोई संयुक्त बयान” वाले रुख और दोनों पक्षों की कठोर मांगों के कारण सहमति की संभावना कम दिख रही है। ट्रंप इसे युद्धविराम की दिशा में पहला कदम मानते हैं, जबकि यूक्रेन और यूरोपीय देश इस प्रक्रिया में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना चाहते हैं। अलास्का में होने वाली इस मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर है।