
2025 का अगस्त पृथ्वी के इतिहास का तीसरा सबसे गर्म महीना रहा. यूरोपीय एजेंसी कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) की रिपोर्ट बताती है कि औद्योगिक काल से पहले (1850-1900) की तुलना में तापमान 1.29 डिग्री सेल्सियस अधिक था. यह चेतावनी है कि क्लाइमेट चेंज तेजी से बढ़ रहा है.
C3S की 9 सितंबर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त 2025 में वैश्विक सतह का औसत तापमान 16.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1991-2020 के औसत से 0.49 डिग्री अधिक था. यह 2023 और 2024 के बाद तीसरा सबसे गर्म अगस्त है, जो उनसे सिर्फ 0.22 डिग्री कम था.
सितंबर 2024 से अगस्त 2025 के 12 महीनों का औसत तापमान औद्योगिक काल से पहले की तुलना में 1.52 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा, जो पेरिस समझौते की 1.5 डिग्री सीमा को पार कर चुका है. यह गर्मी इंसानी गतिविधियों से बनी ग्रीनहाउस गैसों के कारण है.