
स्पेशल डेस्क
नेपाल में हाल ही में हुई युवा-नेतृत्व वाली GenZ (जनरेशन Z) आंदोलन ने देश की राजनीति को हिला दिया है। यह आंदोलन भ्रष्टाचार, नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) और आर्थिक ठहराव के खिलाफ शुरू हुआ था, जो सोशल मीडिया बैन के बाद हिंसक प्रदर्शनों में बदल गया।परिणामस्वरूप, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा, संसद भवन में आग लग गई, और कम से कम 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस आंदोलन के नेताओं ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशिला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन दिया है, लेकिन उनका मुख्य फोकस सत्ता हासिल करने से ज्यादा सिस्टम में बदलाव लाना है।इस रिपोर्ट में, हम GenZ लीडरशिप के प्रमुख एजेंडे पर चर्चा करेंगे, जो आपके प्रश्न में उल्लिखित बिंदुओं—भारत से बेहतर रिश्ते, भ्रष्ट नेताओं को जेल, और संविधान में बदलाव—पर केंद्रित है। ध्यान दें कि GenZ का आंदोलन अभी विकसित हो रहा है, और कुछ मांगें विवादास्पद हैं, जैसे हिंदू राष्ट्र की घोषणा। आइए विस्तार में एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझें।
GenZ आंदोलन कैसे शुरू हुआ ?
नेपाल में GenZ (जन्म 1997-2012 के बीच) युवा बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और “नेपो किड्स” (राजनीतिक परिवारों के बच्चों की विलासिता) से तंग आ चुके हैं। यह आंदोलन सोशल मीडिया पर शुरू हुआ, जब सरकार ने भ्रष्टाचार विरोधी कैंपेन को दबाने के लिए सोशल मीडिया बैन लगा दिया। प्रदर्शन काठमांडू में हिंसक हो गए, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। 9-12 सितंबर 2025 के आसपास चरम पर पहुंचा, जिसके बाद ओली ने इस्तीफा दे दिया।
प्रमुख नेता तनका धामी, अर्जुन शाही, सुडान गुरुंग, रक्षा बाम, और दिवाकर डंगाल जैसे युवा। वे खुद को “वॉचडॉग” (निगरानीकर्ता) मानते हैं, न कि सत्ता के भूखे। सुशिला कार्की अंतरिम पीएम बनी हैं, जो भ्रष्टाचार विरोधी छवि वाली हैं। सेना सड़कों पर तैनात है, और स्कूल-दुकानें बंद हैं। GenZ संसद भंग करने और नए चुनाव की मांग कर रहा है।
GenZ लीडरशिप का मुख्य एजेंडा
GenZ का एजेंडा युवाओं के भविष्य पर केंद्रित है: भ्रष्टाचार-मुक्त सिस्टम, आर्थिक अवसर, और मजबूत लोकतंत्र। वे संविधान को पूरी तरह खारिज नहीं करना चाहते, बल्कि सुधार चाहते हैं।
भारत से बेहतर रिश्ते
GenZ नेता भारत के साथ मजबूत संबंधों की वकालत कर रहे हैं। वे कहते हैं कि नेपाल की अर्थव्यवस्था भारत पर निर्भर है, और चीन के प्रभाव को कम करने के लिए भारत के साथ सहयोग जरूरी है। तनका धामी ने कहा, “हम भारत के साथ करीब आना चाहते हैं, क्योंकि यह हमारे युवाओं के लिए अवसर पैदा करेगा।” वे नेपाली कूटनीति को संतुलित रखने की बात करते हैं, लेकिन भारत को प्राथमिकता देंगे। आर्थिक विकास, रोजगार और क्षेत्रीय स्थिरता। भारत को “दोस्त” मानते हैं, न कि दुश्मन।
भ्रष्ट नेताओं को जेल
भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे मजबूत मांग। GenZ चाहता है कि पूर्व नेताओं (जैसे ओली और अन्य) को हिरासत में लिया जाए, खासकर प्रदर्शनों में मौतों के लिए जिम्मेदार लोगों को। वे “कोर कमिटी” बनाकर सरकार की निगरानी करेंगे। सुडान गुरुंग ने कहा, “भ्रष्ट नेता जेल जाएं, ताकि युवाओं को न्याय मिले।” नेपोटिज्म (राजनीतिक परिवारों का दुरुपयोग) को खत्म करने की मांग। पारदर्शी शासन, जवाबदेही और युवाओं के लिए समान अवसर। वे कहते हैं कि 13 सरकारें बदल चुकीं, लेकिन भ्रष्टाचार नहीं रुका।
संविधान में बदलाव
संविधान को संशोधित करने की मांग, न कि पूरी तरह बदलने की। प्रमुख बदलाव – प्रधानमंत्री के लिए 2 टर्म की सीमा। सीधे चुने गए कार्यकारी प्रमुख (डायरेक्ट इलेक्टेड एक्जीक्यूटिव)। प्रांतों को खत्म करना (फेडरल स्ट्रक्चर को कमजोर मानते हैं, जो भ्रष्टाचार बढ़ाता है)। हिंदू राष्ट्र की घोषणा (नया संविधान 2 महीने में, नेपाल को हिंदू राष्ट्रीयता बहाल करने के लिए)। रक्षा बाम ने कहा, “संविधान हमारी रक्षा करता है, लेकिन कुछ हिस्सों को जनहित में बदलना होगा।” हिंदू राष्ट्र की मांग विवादास्पद है, लेकिन GenZ इसे सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के रूप में देखता है। राजनीतिक स्थिरता, भ्रष्टाचार रोकना और सांस्कृतिक संरक्षण। वे लोकतंत्र को बनाए रखना चाहते हैं, राजतंत्र या तानाशाही नहीं।
अन्य प्रमुख मांगें
संसद भंग करना और नए चुनाव। युवा प्रतिनिधित्व वाली अंतरिम सरकार। सोशल मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता। आर्थिक सुधार युवाओं के लिए नौकरियां और शिक्षा। पूर्व नेताओं को नरसंहार (मासेकर) के लिए गिरफ्तार करना। समग्र सुधार, जिसमें अर्थव्यवस्था और सामाजिक न्याय शामिल।
चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं
GenZ को युवा और सिविल सोसाइटी का समर्थन है, लेकिन पुरानी पार्टियां (जैसे नेपाली कांग्रेस और कम्युनिस्ट) इसे “राजतंत्र की साजिश” बता रही हैं। GenZ भारत के साथ सहयोग चाहता है, लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में अफवाहें हैं कि वे मोदी को पीएम बनाना चाहते हैं—जो गलत है। वे लोकतांत्रिक सुधार चाहते हैं। हिंसा फिर भड़क सकती है अगर मांगें पूरी न हों। सेना और राष्ट्रपति रामचंद्र पौdel संवैधानिक ढांचे में समाधान ढूंढ रहे हैं। GenZ नेता कहते हैं, “हम सत्ता नहीं, बदलाव चाहते हैं।” यह आंदोलन नेपाल के लोकतंत्र को मजबूत कर सकता है, अगर सुशिला कार्की की सरकार GenZ के साथ काम करे।
नेपाल की GenZ लीडरशिप का एजेंडा एक नई पीढ़ी की आवाज है, जो भ्रष्टाचार से तंग आकर बदलाव चाहती है। भारत से बेहतर रिश्ते उनकी कूटनीतिक प्राथमिकता हैं, भ्रष्ट नेताओं को जेल भेजना न्याय की मांग, और संविधान में बदलाव (जैसे टर्म लिमिट और हिंदू राष्ट्र) सिस्टम को मजबूत करने का प्रयास। हालांकि, हिंदू राष्ट्र जैसी मांगें विवाद पैदा कर सकती हैं, लेकिन कुल मिलाकर यह युवा-केंद्रित सुधार है। अगर लागू हुआ, तो नेपाल का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।