
प्रकाश मेहरा
लेखक/पत्रकार
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। यह केवल एक व्यक्तिगत उत्सव नहीं, बल्कि उस यात्रा का उत्सव है जिसने भारतीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और वैश्विक मंच पर भारत की छवि को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। गुजरात के एक छोटे कस्बे से निकलकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक पहुँचना उनकी अदम्य इच्छाशक्ति, संगठनात्मक क्षमता और देशहित के प्रति अटूट समर्पण का प्रमाण है।
प्रारंभिक जीवन और संगठनात्मक
नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ। बचपन में चाय की दुकान पर मदद करने से लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में स्वयंसेवक बनने तक, उनका जीवन अनुशासन और राष्ट्र सेवा की भावना से परिपूर्ण रहा। आरएसएस में कार्य करते हुए उन्होंने संगठन कौशल, जनसंपर्क और वैचारिक स्पष्टता का अनुभव प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री के रूप में उदय
2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद मोदी ने राज्य के विकास मॉडल को नई दिशा दी। गुजरात मॉडल के नाम से प्रसिद्ध उनकी नीतियों में इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योग, बिजली सुधार, कृषि तकनीक और पर्यटन को विशेष प्राथमिकता दी गई। इस दौर में उन्होंने “सबका साथ, सबका विकास” का मूलमंत्र गढ़ा, जो आगे चलकर उनके राष्ट्रीय एजेंडा का केंद्र बना।
प्रधानमंत्री पद तक की यात्रा
2014 में नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने। उस समय देश महँगाई, नीति-निर्माण में ठहराव और भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रहा था। मोदी ने “अच्छे दिन” का वादा करते हुए जनसमर्थन जुटाया और ऐतिहासिक बहुमत से सत्ता में आए। 2019 में उन्होंने और भी बड़े बहुमत से जीत दर्ज की, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता पर जनता का भरोसा मजबूत हुआ।
नीतिगत उपलब्धियाँ और सुधार
आर्थिक क्षेत्र में मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी पहलों ने उद्यमिता और डिजिटल क्रांति को गति दी। जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू कर टैक्स सिस्टम को एकीकृत किया गया। आधार-आधारित डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा।
सामाजिक सुधार में तीन तलाक पर कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को समान अधिकार दिलाए। स्वच्छ भारत अभियान ने स्वच्छता को सामाजिक आंदोलन का रूप दिया। राष्ट्रीय एकीकरण और सुरक्षा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर राज्य को विशेष दर्जा समाप्त किया, जिससे एक राष्ट्र–एक संविधान का सपना साकार हुआ। ऑपरेशन सिंदूर जैसे मिशनों के माध्यम से भारतीय नागरिकों को विदेशों से सुरक्षित लाया गया।
सांस्कृतिक एवं धार्मिक पहल
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। योग और आयुर्वेद को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई। शिक्षा और रोजगार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने शिक्षा के ढांचे में व्यापक सुधार का मार्ग खोला। स्किल इंडिया और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना ने युवाओं को नए अवसर दिए।
वैश्विक मंच पर भारत की छवि
मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक स्तर पर आत्मविश्वासी राष्ट्र के रूप में पहचान बनाई। अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे G20, BRICS, QUAD में भारत की भूमिका सशक्त हुई। “इंटरनेशनल डे ऑफ योग” की स्थापना से भारत की सांस्कृतिक कूटनीति को नई दिशा मिली। जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और सतत विकास जैसे मुद्दों पर भारत की आवाज़ बुलंद हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन पर समर्पित कविता
स्वर्णिम पथ पर चलते, कर्म में जिनका प्रकाश,
जन-जन में जगाते आशा, करते नित उपकार।
विकास के दीप जलाकर, भारत को दी पहचान,
हर सपना साकार करने, रचते नव इतिहास।
त्याग-तपस्या से सींचा, हर सपनों का चमन,
राष्ट्रभक्ति की धारा से सिंचित हुआ जीवन।
75वें जन्मदिवस पर, बढ़े सफलता के फूल,
मोदी जी रहें स्वस्थ, सदा जग में चमकें ध्रुवतारक सम अनुकूल।
आलोचना और चुनौतियाँ
मोदी सरकार को नोटबंदी, कृषि कानूनों और बेरोज़गारी जैसे मुद्दों पर आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा। लोकतांत्रिक विमर्श में इन बहसों ने सरकार की नीतियों के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव पर विचार करने का अवसर दिया।
75 वर्ष की उम्र में नरेंद्र मोदी का राजनीतिक जीवन भारतीय लोकतंत्र की प्रेरणादायक कहानी है। आरएसएस के एक समर्पित स्वयंसेवक से लेकर भारत के प्रधानमंत्री तक का उनका सफ़र इस बात का प्रमाण है कि “दृढ़ निश्चय, परिश्रम और राष्ट्र के प्रति निष्ठा से असंभव भी संभव किया जा सकता है।”
नरेंद्र मोदी का नाम भारतीय इतिहास में उस नेता के रूप में दर्ज होगा जिसने परिवर्तन को आंदोलन बनाया, नीतियों को जनभागीदारी का माध्यम बनाया और भारत को 21वीं सदी में वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए निरंतर काम किया।