
सरल डेस्क
लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं (मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, और प्रियंका गांधी वाड्रा) के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का केस चलाने की मांग को लेकर एक याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने 9 सितंबर 2025 को दायर की थी, और मामला आलोक वर्मा की कोर्ट में दर्ज हुआ है।
क्या है याचिका का मुख्य आधार !
राहुल गांधी का 15 जनवरी 2025 को दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान दिया गया बयान है, जिसमें उन्होंने कहा था, “हम अब बीजेपी से नहीं, बल्कि आरएसएस और भारतीय राज्य (Indian State) से लड़ रहे हैं।” याचिकाकर्ता का आरोप है कि यह बयान राष्ट्रविरोधी है और देश की एकता, अखंडता, और संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ सुनियोजित साजिश को दर्शाता है। याचिका में दावा किया गया है कि यह बयान पूरी मानसिक स्थिरता और सोच-समझकर दिया गया, जो भारत की संप्रभुता को प्रभावित करने की कोशिश है।
याचिका में अन्य नेताओं का उल्लेख
याचिका में आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी के इस बयान का कांग्रेस के अन्य शीर्ष नेताओं (मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, और प्रियंका गांधी) ने खंडन नहीं किया, बल्कि मौन समर्थन देकर वे भी इस कथित साजिश में भागीदार हैं।
याचिकाकर्ता ने भारतीय दंड संहिता, 2023 की राष्ट्रद्रोह और षड्यंत्र से संबंधित धाराओं के तहत राहुल गांधी और अन्य नेताओं को तलब करने की मांग की है। याचिका में इन नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है, जिसमें उन्हें दंडित करने की अपील शामिल है। कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई के दौरान वकील नृपेंद्र पांडेय के बयान 1 अक्टूबर 2025 को दर्ज किए जाएंगे।
राहुल गांधी के खिलाफ याचिका दाखिल
यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी के खिलाफ नृपेंद्र पांडेय ने याचिका दाखिल की हो। इससे पहले, उन्होंने 17 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर को “अंग्रेजों का नौकर” और “पेंशन लेने वाला” कहने के बयान पर भी याचिका दायर की थी, जिसके लिए राहुल गांधी को तलब किया गया था। राहुल गांधी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में पहले से तीन अन्य मामले चल रहे हैं, जिनमें सेना के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी और नागरिकता से संबंधित विवाद शामिल हैं।
राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर चर्चा
यह मामला राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर चर्चा का विषय बना हुआ है। राहुल गांधी के बयान को लेकर बीजेपी और अन्य संगठनों ने तीखी आलोचना की है, जबकि कांग्रेस ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा बताया है। इस मामले की अगली सुनवाई और कोर्ट का फैसला इस विवाद को और गर्माने की संभावना है।