
दिल्ली डेस्क
दिल्ली सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक सुधार करते हुए राजधानी के मौजूदा 11 राजस्व जिलों को पुनर्गठित कर 13 नए जिलों का गठन करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। यह फैसला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने 11 दिसंबर को लिया, जो दिल्ली नगर निगम (MCD) के 12 जोनों, न्यू दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल (NDMC) और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड की सीमाओं के साथ पूरी तरह मेल खाएगा। इससे दिल्ली का नक्शा बदल जाएगा और शासन व्यवस्था अधिक सुचारू, पारदर्शी तथा नागरिक-केंद्रित बनेगी।
CM रेखा गुप्ता का बयान
पुरानी समस्या का 10 महीने में समाधान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस फैसले को “ऐतिहासिक” बताते हुए कहा, “दिल्ली जैसे महानगर में सेवाओं के बेहतर समन्वय, त्वरित वितरण, शिकायतों के तेज समाधान और प्रभावी निगरानी के लिए छोटे, संतुलित और प्रशासनिक रूप से सशक्त जिलों का गठन जरूरी था।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह “सालों पुरानी समस्या का समाधान केवल 10 महीने में” किया गया है, जो पिछली सरकारों के लंबे समय से लंबित मुद्दे को हल करता है। गुप्ता ने इसे “एक दिल्ली, एक सीमा, एक विंडो” का मॉडल बताया, जिससे सरकारी सेवाएं एक ही जगह आसानी से उपलब्ध होंगी।
पुरानी समस्या क्या थी ?
दिल्ली में लंबे समय से राजस्व जिलों (11) और MCD जोनों (12) की सीमाओं में असंगति थी, जिससे प्रशासनिक भ्रम, विवाद और देरी होती थी। उदाहरण के लिए ‘संपत्ति पंजीकरण, शिकायत निवारण और सेवाओं का वितरण प्रभावित होता था। विभागों (जैसे राजस्व, MCD, NDMC) के बीच तालमेल की कमी से नागरिकों को एक ही समस्या के लिए कई जगह भटकना पड़ता था। कई समितियों ने सुझाव दिया था कि जिलों को छोटा और MCD जोनों के अनुरूप बनाया जाए, लेकिन पिछली सरकारें (खासकर AAP शासनकाल में) इसे लागू नहीं कर सकीं।
दशकों पुराने विवाद को खत्म करेगा
यह बदलाव दशकों पुराने इस विवाद को खत्म करेगा, जिससे जिला प्रशासन सरकार की सबसे नजदीकी इकाई बनेगा। नए जिलों की पूरी लिस्ट और बदलाव पुराने 11 जिलों (सेंट्रल, ईस्ट, न्यू दिल्ली, नॉर्थ, नॉर्थ ईस्ट, नॉर्थ वेस्ट, शाहदरा, साउथ, साउथ ईस्ट, साउथ वेस्ट, वेस्ट) में से शाहदरा जिले को हटा दिया गया है, जबकि 3 नए जिले जोड़े गए हैं ओल्ड दिल्ली, सेंट्रल नॉर्थ और आउटर नॉर्थ। नए जिलों को MCD जोनों के आधार पर डिजाइन किया गया है। कुछ जिलों के नाम और सीमाएं बदली गई हैं, जैसे नॉर्थ को सिविल लाइंस और ओल्ड दिल्ली में विभाजित किया गया। शाहदरा के इलाके अब ईस्ट, नॉर्थ ईस्ट और आउटर नॉर्थ में बंट गए हैं।
क्या हुए अन्य प्रमुख बदलाव !
सब-डिवीजन 33 से बढ़ाकर 39 हो जाएंगे, जो नए जिलों के साथ मेल खाएंगे। इससे स्थानीय स्तर पर सेवाएं तेज होंगी। संपत्ति पंजीकरण को पारदर्शी बनाने के लिए 22 से बढ़ाकर 39 किए जाएंगे। इनकी सीमाएं भी सब-डिवीजन के अनुरूप होंगी। हर जिले में एक मिनी सेक्रेटेरिएट बनेगा, जहां ज्यादातर सरकारी सेवाएं (जैसे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, लाइसेंस) एक ही जगह मिलेंगी। राजस्व, MCD, NDMC आदि विभागों की सीमाएं एक जैसी होंगी, जिससे कार्यभार संतुलित होगा और अधिकारियों पर दबाव कम पड़ेगा।
लागू कैसे होगा ?
प्रस्ताव को लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG) विनय कुमार सक्सेना को भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद यह जल्द लागू हो जाएगा। सरकार का दावा है कि इससे प्रशासनिक कार्यों में 20-30% तेजी आएगी और नागरिकों की शिकायतें 50% कम होंगी। यह फैसला दिल्ली की BJP सरकार की 10 महीने पुरानी सत्ता (फरवरी 2025 से) का एक प्रमुख उपलब्धि है, जो प्रशासन को आधुनिक बनाने की दिशा में कदम है।