Written by– Anil Gupta
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक महिला गार्ड ने यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। महिला गार्ड का कहना है कि जब वह अपनी ड्यूटी रोस्टर के संबंध में मुख्य सुरक्षा अधिकारी से मिली, तो उन्होंने उसका यौन उत्पीड़न किया।
इस घटना के बाद महिला ने मामले की शिकायत की है और एम्स प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने आरोपों को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
इस मामले ने एम्स के भीतर सुरक्षा और कार्यस्थल के माहौल पर सवाल उठाए हैं। यौन उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है, ताकि कर्मचारियों को सुरक्षित माहौल मिल सके।
इस मामले पर आगे की कार्रवाई और जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। एम्स प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि सभी कर्मचारियों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण मिले।
स्वय डीन करेंगे जांच।
15 अक्टूबर को एम्स कार्यालय द्वारा जारी एक ज्ञापन में मामले की जांच के लिए डीन एकेडमिक्स डॉ. केके वर्मा और बायोफिजिक्स की एचओडी डॉ. पुनित कौर को नियुक्त किया गया है। डॉ. वर्मा एससी/एसटी/ओबीसी की शिकायतों के निवारण पर समिति के प्रमुख हैं, जबकि डॉ. कौर यौन उत्पीड़न के खिलाफ आंतरिक शिकायत समिति की अध्यक्ष हैं। दोनों को ज्ञापन की तारीख से सात दिनों के भीतर साक्ष्य सामग्री के साथ प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
सूत्रों के अनुसार, महिला गार्ड ने आरोप लगाया है कि मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने जब वह अपनी ड्यूटी रोस्टर के संबंध में उनसे मिली, तो उन्होंने उसका यौन उत्पीड़न किया और जातिसूचक टिप्पणियां कीं। इस मामले पर संपर्क करने पर एम्स अधिकारियों ने किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।