
दिल्ली डेस्क
दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया (CCI) के सचिव (प्रशासन) पद के लिए 12 अगस्त 2025 को हुए चुनाव में बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने एक बार फिर अपनी बादशाहत कायम रखी। उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को 102 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की। यह चुनाव 20 साल बाद हुआ और इसे बेहद रोमांचक माना गया, क्योंकि बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं के बीच मुकाबला था।
वोटिंग और मतगणना
12 अगस्त को सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग हुई, जिसमें 1,295 वर्तमान और पूर्व सांसदों में से 690 से अधिक ने मतदान किया। यह क्लब के इतिहास में अब तक की सबसे ज्यादा मतदाता भागीदारी थी। मतगणना 26 राउंड तक चली, जिसमें रूडी ने 392 वोट हासिल किए, जबकि बालियान को 290 वोट मिले।
दिग्गजों की भागीदारी
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, और अन्य प्रमुख नेताओं ने वोट डाला। रूडी को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और निर्दलीय सांसदों सहित विपक्षी दलों का खुला समर्थन मिला। इसे कुछ लोग अमित शाह के प्रभाव को चुनौती के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि बालियान को शाह का समर्थन माना जा रहा था। रूडी, जो बिहार के ठाकुर समुदाय से हैं, को राजपूत सांसदों का समर्थन मिला, जबकि बालियान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेता, जाट लॉबी के साथ थे।
राजीव प्रताप रूडी की जीत के कारण
25 साल का दबदबा रूडी 1999 से कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के सचिव हैं और कई बार निर्विरोध चुने गए। उनके कार्यकाल में क्लब की सूरत बदलने का श्रेय उन्हें दिया जाता है।
रूडी ने डोर-टू-डोर कैंपेन किया और विपक्षी दलों के साथ गठजोड़ बनाया। उनकी पत्नी नीलम प्रताप सिंह ने भी जीत को पैनल की मेहनत का नतीजा बताया। रूडी को राजनाथ सिंह, बृजभूषण शरण सिंह और कुछ हद तक योगी आदित्यनाथ का समर्थन माना गया।
संजीव बालियान की हार, पहली चुनौती
बालियान ने आखिरी समय में रूडी को चुनौती दी, जिसमें उन्हें निशिकांत दुबे और कथित तौर पर अमित शाह का समर्थन था। बालियान ने बदलाव का नारा दिया, लेकिन रूडी की मजबूत पकड़ और विपक्ष के समर्थन के सामने उनकी रणनीति कमजोर पड़ी।
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब क्या है ? कब हुई स्थापना !
फरवरी 1947 में संविधान सभा के सदस्यों के लिए सामाजिक और राजनीतिक मंच के रूप में स्थापित। 1965 में राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने इसका औपचारिक उद्घाटन किया। सदस्य वर्तमान और पूर्व सांसद, जिनमें नरेंद्र मोदी, अमित शाह, सोनिया गांधी जैसे नेता शामिल हैं।
क्या होती है सचिव की भूमिका ?
लोकसभा स्पीकर पदेन अध्यक्ष होते हैं, लेकिन सचिव क्लब के प्रशासनिक और कार्यकारी फैसलों में अहम भूमिका निभाता है।
अन्य पदों के नतीजे में सचिव (खेल) कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला निर्विरोध चुने गए। सचिव (संस्कृति) डीएमके सांसद तिरुचि शिवा निर्विरोध चुने गए। कोषाध्यक्ष डीएमके सांसद पी. विल्सन निर्विरोध चुने गए। कार्यकारी समिति के 11 पदों के लिए 14 उम्मीदवारों में दीपेंद्र हुड्डा और नवीन जिंदल जैसे नाम शामिल थे।
रूडी की प्रतिक्रिया
रूडी ने कहा, “यह मेरे पैनल की जीत है। मैं 100 से ज्यादा वोटों से जीता, जो 1,000 मतदाताओं के हिसाब से 1 लाख का समर्थन दर्शाता है। मेरे पैनल में बीजेपी, कांग्रेस, सपा, टीएमसी और निर्दलीय सांसद थे। यह मेरी दो दशकों की मेहनत का नतीजा है।”
यह चुनाव न केवल रूडी की 25 साल की बादशाहत को मजबूत करता है, बल्कि बीजेपी के भीतर और विपक्ष के बीच राजनीतिक समीकरणों को भी उजागर करता है। रूडी की जीत को उनकी रणनीति, अनुभव और व्यापक समर्थन का परिणाम माना जा रहा है, जबकि बालियान की हार ने बीजेपी के आंतरिक गतिशीलता पर सवाल उठाए हैं।