
बिहार डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव में भोजपुरी सिनेमा के दो सुपरस्टार्स – खेसारी लाल यादव (आरजेडी उम्मीदवार, छपरा सीट) और दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ (बीजेपी नेता, पूर्व सांसद) – के बीच जुबानी जंग ने धार्मिक रंग ले लिया है। यह विवाद राम मंदिर, हिंदू-मुस्लिम, यादव पहचान और सनातन धर्म पर केंद्रित है। दोनों पक्षो के बयानों से चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। आइए, क्रोनोलॉजी और तथ्यों के साथ पूरी कहानी एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं
खेसारी का राम मंदिर पर बयान
खेसारी ने चुनाव प्रचार में कहा “राम मंदिर बनना जरूरी था, लेकिन अस्पताल, स्कूल और रोजगार क्यों नहीं ? मंदिर से बच्चों का भविष्य तय नहीं होता। अगर मंदिर से रोजगार मिलता, तो बिहार में 200 मंदिर बनवा देते !” उन्होंने एनडीए पर आरोप लगाया “बीजेपी वाले सिर्फ मंदिर-मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान की बात करते हैं। रोजगार और पलायन पर चुप हैं।” अयोध्या के संतों ने इसे सनातन धर्म का अपमान बताया और NSA के तहत केस की मांग की।
निरहुआ का पलटवार
‘यदुमुल्ला’ वाला तंजनिरहुआ ने खेसारी को “यादव नहीं, यदुमुल्ला” कहा। “कृष्ण वंश का यादव राम मंदिर का विरोध कैसे कर सकता है? 500 साल हिंदुओं ने बलिदान दिया, यह सनातन का अपमान है।” निरहुआ ने रवि किशन, मनोज तिवारी का जिक्र कर कहा “हम सांसद बने, काम किए। तुम MLA बनकर क्या करोगे?” बीजेपी ने इसे हिंदू आस्था पर हमला बताया।
मुस्लिम किरदार और इंसानियत
खेसारी ने निरहुआ की पुरानी फिल्मों का वीडियो शेयर कर तंज कसा “10 साल पहले तुम मुस्लिम गेटअप में फिल्में करते थे, तब तुम्हारा धर्म कहाँ था? बीजेपी जॉइन करने के बाद मुसलमानों से नफरत हो गई ?” आगे बोले “मुल्ला गाली नहीं, सोच है। मुसलमान हमारे भाई हैं। मैं यदुमुल्ला हूँ, लेकिन पहले इंसान हूँ। हिंदू-मुस्लिम सब मेरे गार्जियन।” खेसारी ने स्पष्ट किया “मैं धर्म के खिलाफ नहीं, धर्म के नाम पर वोट मांगने वालों के खिलाफ हूँ।”
अन्य स्टार्स की एंट्री रवि किशन, पवन सिंह और रोहिणी आचार्यरवि किशन (बीजेपी MP): खेसारी को “नचनिया” कहा, भोजपुरी इंडस्ट्री बेचने का आरोप। पवन सिंह ने खेसारी पर पलटवार – “जो अपनी बात पर टिक नहीं, वह क्या करेगा?” रोहिणी आचार्य (आरजेडी) ने बीजेपी को घेरा – “तुम्हारे पास निरहुआ, रवि किशन, कंगना जैसे नचनिया हैं ?” खेसारी बोले “मैं नचनिया हूँ, लेकिन कम से कम एक बीवी के साथ रहता हूँ !” (पवन-अम्रपाली पर तंज)।
दोनों पक्षों का स्टैंडर्ड खेसारी (आरजेडी)
रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य पर फोकस। धर्म को वोट का हथियार न बनाने की अपील। निरहुआ (बीजेपी) ने राम मंदिर हिंदुओं की 500 साल की तपस्या। विरोध = सनातन विरोध। खेसारी मंदिर का विरोध नहीं, प्राथमिकता पर सवाल कर रहे। निरहुआ का ‘यदुमुल्ला’ बयान जाति-धर्म मिक्स कर विवाद बढ़ा रहा।
यह सिर्फ दो स्टार्स की लड़ाई नहीं यह विकास vs ध्रुवीकरण की लड़ाई है। बिहार की जनता रोजगार चाहती है या मंदिर-मस्जिद ? 6 नवंबर (पहला फेज) और 11 नवंबर (दूसरा फेज) को वोटिंग। परिणाम 14 नवंबर को। खेसारी का अंतिम संदेश “कर्म से बड़ा होता हूँ, शब्दों से नहीं।” निरहुआ बोले “राम मंदिर विरोधी यादव नहीं हो सकता।”