
स्पेशल डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान (6 नवंबर) से ठीक पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर ने परिवारवाद (dynastic politics) पर एक तीखा लेख लिखकर सियासी तूफान खड़ा कर दिया। 31 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय पोर्टल Project Syndicate पर प्रकाशित उनके लेख “Indian Politics Are a Family Business” में थरूर ने वंशवाद को भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताया और नेहरू-गांधी परिवार को सीधे निशाने पर लिया।
थरूर ने क्या कहा ?
नेहरू-गांधी परिवार पर कहा “दशकों से एक परिवार भारतीय राजनीति पर छाया हुआ है। नेहरू-गांधी वंश (जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा, राजीव, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा) ने यह विचार मजबूत किया कि राजनीतिक नेतृत्व जन्मसिद्ध अधिकार हो सकता है।” राहुल-तेजस्वी को ‘नेपो किड’ थरूर ने स्पष्ट रूप से राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे “नेपो बेबीज़” का जिक्र किया, जिनकी राजनीति वंश पर टिकी है।
लोकतंत्र पर असर
उन्होंने कहा “जब सत्ता वंश से तय होती है, न कि योग्यता या जन-जुड़ाव से, तो शासन की गुणवत्ता गिरती है। नेपोटिज्म मेरिटोक्रेसी पर भारी पड़ता है।” थरूर ने समाजवादी पार्टी (मुलायम-अखिलेश), आरजेडी (लालू-तेजस्वी), शिवसेना (UBT), डीएमके, एनसी, पीडीपी आदि को भी परिवारवाद का शिकार बताया।
बिहार चुनाव से कनेक्शन महागठबंधन को झटका
तेजस्वी यादव महागठबंधन के सीएम चेहरा हैं। थरूर का लेख एनडीए को परिवारवाद vs राष्ट्रवाद का मुद्दा देने का हथियार बन गया। लेख पहले चरण के प्रचार के आखिरी दिन (3 नवंबर) वायरल हुआ, जब राहुल गांधी बिहार में रैलियां कर रहे थे।
बीजेपी की प्रतिक्रिया (आक्रामक हमला) शहजाद पूनावाला (बीजेपी प्रवक्ता) “थरूर ने भारत के नेपो किड राहुल और छोटा नेपो किड तेजस्वी पर सीधा हमला किया। यही वजह है कि नामदार कामदार चायवाले मोदी से नफरत करते हैं!”
सीआर केशवन ने कहा “थरूर ने गांधी-वाड्रा राजवंश को आइना दिखाया।”
प्रमोद तिवारी बोले “इंदिरा-राजीव ने बलिदान दिया। गांधी परिवार ने देश को स्वतंत्रता दिलाई।” पवन खेड़ा/जयराम रमेश ने अभी तक आधिकारिक बयान नहीं, लेकिन अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि थरूर की “स्वतंत्र सोच” पार्टी के लिए असहज है।
क्या है थरूर का बैकग्राउंड !
थरूर पहले भी मोदी की तारीफ, ऑपरेशन सिंदूर पर अलग रुख अपनाकर विवादों में रहे। इस बार लेख में तेजस्वी का नाम नहीं लिया, लेकिन बीजेपी ने बिहार कनेक्शन जोड़ दिया। चुनावी असर एनडीए को फायदा परिवारवाद का मुद्दा जंगलराज के साथ जोड़कर प्रचार। महागठबंधन को नुकसान तेजस्वी की युवा इमेज पर सवाल।
थरूर का लेख नीयत से लिखा हो या सामान्य विश्लेषण, इसने बिहार चुनाव को परिवारवाद vs मेरिट की लड़ाई बना दिया। पहले चरण में 71 सीटों पर मतदान 6 नवंबर को—परिणाम 10 नवंबर को।