
नई दिल्ली: विश्व मानवाधिकार दिवस 2025 के वैश्विक आयोजन के तहत प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स (PFHR), गांधीनगर, गुजरात द्वारा मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय पर एक भव्य राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन बुधवार को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में किया गया। इस सम्मेलन में देश की कई प्रमुख हस्तियों के साथ 27 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
UDHR के 77 वर्ष पूरे होने पर विशेष आयोजन
यह सम्मेलन इसलिए भी विशेष रहा क्योंकि वर्ष 2025, संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंगीकृत सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा (UDHR) के 77 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है—एक ऐसा ऐतिहासिक दस्तावेज जो हर मानव को उसके मूल एवं अविच्छेद्य अधिकारों की गारंटी प्रदान करता है।
PFHR का 18वां वार्षिक राष्ट्रीय आयोजन
2006 में स्थापित PFHR एक स्वतंत्र, गैर-सरकारी और गैर-राजनीतिक संगठन है, जो पिछले 18 वर्षों से मानवाधिकार जागरूकता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है। संगठन सरकार की विभिन्न योजनाओं और नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन में भी सहयोग करता है, विशेषकर उन वर्गों के लिए जो अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित हैं।
मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट जनों की उपस्थिति
सम्मेलन की अध्यक्षता PFHR के अध्यक्ष एवं अभिनेता राकेश पांडेय ने की। कार्यक्रम में अनेक वरिष्ठ गणमान्य लोग विशेष रूप से उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं—
- रामदास अठावले, राज्य मंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार
- आर. एन. मिश्रा, सेवानिवृत्त हाई कोर्ट जज, इलाहाबाद
- राजू परमार, पूर्व सांसद
- डॉ. आज़ाद सिंह गौतम, पूर्व अध्यक्ष, बीजेपी, वाराणसी
- रोहिल पांडे, पूर्व सचिव, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन
- मुकेश पांडे, राष्ट्रीय महासचिव, PFHR
मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय पर विस्तृत विमर्श
सम्मेलन के दौरान मानवाधिकार जागरूकता, सामाजिक न्याय की चुनौतियों और भविष्य की दिशा पर विस्तृत चर्चा की गई। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक समय में मानवाधिकार संरक्षण के लिए समाज, सरकार और नागरिक संस्थाओं के संयुक्त प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं।
सम्मेलन का समापन
कार्यक्रम का समापन मानवाधिकारों की रक्षा और सामाजिक न्याय को सशक्त बनाने की सामूहिक प्रतिज्ञा के साथ हुआ।